डार्क वेब को अक्सर गोपनीयता और निजता बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है। जहां सामान्य इंटरनेट (जिसे Surface Web कहते हैं) सार्वजनिक और खोज योग्य है, वहीं डार्क वेब एक गुप्त नेटवर्क है जो एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करता है।
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जो सामान्य खोज इंजन (जैसे Google या Bing) के जरिए उपलब्ध नहीं होता। इसे एक्सेस करने के लिए विशेष ब्राउज़र्स (जैसे Tor) की आवश्यकता होती है।
डार्क वेब पर वेबसाइटें सामान्य डोमेन (जैसे .com, .in) की बजाय .onion डोमेन का उपयोग करती हैं। डार्क वेब को अक्सर गोपनीयता और निजता बनाए रखने के लिए डिजाइन किया गया है।
जहां सामान्य इंटरनेट (जिसे Surface Web कहते हैं) सार्वजनिक और खोज योग्य है, वहीं डार्क वेब एक गुप्त नेटवर्क है जो एन्क्रिप्शन तकनीकों का उपयोग करता है।
साइबर अपराधी डार्क वेब का इस्तेमाल किस तरह से करते हैं?
डार्क वेब का उपयोग वैध और अवैध दोनों उद्देश्यों के लिए किया जाता है। हालांकि, साइबर अपराधी इसका उपयोग मुख्य रूप से अवैध गतिविधियों के लिए करते हैं, जैसे:
- चोरी किए गए डेटा की बिक्री: बैंकिंग विवरण, क्रेडिट कार्ड की जानकारी, और हैक किए गए अकाउंट्स का व्यापार।
- हथियार और ड्रग्स की खरीद-फरोख्त: अवैध वस्तुएं जैसे ड्रग्स, हथियार, और नकली पहचान पत्र बेचना।
- साइबर क्राइम टूल्स: हैकिंग टूल्स, मैलवेयर, और रैनसमवेयर सेवाएं प्रदान करना।
- गुप्त संचार: आतंकवादी संगठन और अपराधी डार्क वेब का उपयोग गुप्त बातचीत और योजना बनाने के लिए करते हैं।
- फर्जी दस्तावेज: पासपोर्ट, वीजा, और अन्य आधिकारिक दस्तावेजों की फर्जी प्रतियां बेचना।