धनबाद/झारखण्ड : गोमो एक साथ पिता की अर्थी निकली तो बेटी की डोली जिसे देख लोगों की आंखे नम हो गई।

मामला गोमो के जीतपुर गांव की है जहां बुधवार की शाम बेटी ममता कुमारी की शादी हुई तो वहीं पिता छत्रधारी ऊर्फ अस्पताली महतो की निकली अर्थी।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि झारखंड आंदोलनकारी पुनीत महतो का पुत्र छत्रधारी महतो शनिवार को इसरी हटिया बाजार में बाईक से बकरा लेने गया था।

इस दौरान वापस आने के क्रम में बकरे के गले से बंधा रस्सी सड़क में लटक रहा था जिसे देख एक ऑटो वाले ने उसे बताया,जिसके बाद बकरे के रस्सी को उठाने के क्रम में वह अपने बाईक से नियंत्रण खो बैठा और सड़क किनारे खड़ी एक वाहन में टक्कर मार दी।

जिसके बाद उसे आनन फानन में उसे डुमरी अस्पताल ले जाया गया जिसे बाद में धनबाद के एसएनएमएमसीएच लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को देखते हुए रांची के रिम्स में रेफर किया गया जहां ईलाज के दौरान बुधवार की अहले सुबह तीन बजे उसकी मौत हो गई।

इधर मृतक की पुत्री ममता कुमारी का विवाह 19 अप्रैल को चिंचाकी के खूंटा निवासी कुलदीप महतो के पुत्र अजीत महतो के साथ तय हुई थी,लेकिन उसकी मृत्यु की सूचना पर ममता का विवाह आनन फानन में जीतपुर स्थित शिव मंदिर में किया गया।

वहीं मृतक का शव जीतपुर आवास आते ही पूरे गांव में चित्कार मच गया,परिजनों की चित्कार से उपस्थित ग्रामीणों की आंखे नम हो गई,मृतक का अंतिम संस्कार जीतपुर के जमुनिया नदी घाट पर किया गया।

बताते चलें कि वर्ष 2000 में मृतक के भाई जयराम महतो की मृत्यु भी सड़क दुर्घटना में हो गई थी।