CJI चंद्रचूड़ हो रहे बुरी तरह ट्रोल!
सोशल मीडिया यूजर किसी की भी फ़जीहद करने से नहीं चुकते। सामने कोई भी हो, उन्हें बस अपने कंटेंट से वास्ता होता है। आम से आम व्यक्ति से लेकर प्रसिद्ध व्यक्ति की कभी-कभी ऐसी अवहेलना करता है जो अमान्य होती है। ट्विटर,फेसबुक,इंस्टाग्राम पर कई लोग खूब वायरल होते है,साथ ही खूब ट्रोल भी होते है।
लेकिन इस बार तो इस घटनाचक्र में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India-CJI) डी वाई चंद्रचूड़ का नाम जोड़ दिया गया ,जो हैरान और परेशान होने की बात है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India-CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने खुद की ट्रोलिंग का एक किस्सा सुनाया।
बेंगलुरु में द्विवार्षिक राज्य स्तरीय सम्मेलन में बोल रहे थे CJI
CJI बेंगलुरु में न्यायिक अधिकारियों के 21वें द्विवार्षिक राज्य स्तरीय सम्मलेन के उद्धघाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की: एक केस की सुनवाई के दौरान, मुझे बैठने में कुछ दिक्कत होने की वजह से, कुर्सी पर अपनी मुद्रा बदलनी पड़ी, जिसे लेकर मुझे सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने कहा की जजों के पास काफी काम होता है और परिवार तथा अपनी देखभाल के लिए समय नै निकाल पाने के कारण उन्हें उपयुक्त रूप से काम करने में मशक्कत करनी पड़ती है।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा : ‘तनाव का प्रबंधन करना और कामकाज एवं जीवन के बीच संतुलन बनाने की क्षमता पूरी तरह से न्याय प्रदान करने से जुड़ी हुई है। दुसरो के घाव भरने से पहले आपको अपने घाव भरने की कला सीखनी चाहिए। यह बात जजों पर भी लागू होती है।
CJI चंद्रचूड़ ने इलाहबाद हाई कोर्ट से जुड़ी घटना भी सुनाई
CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया की जब वह इलाहबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे, तो उन्होंने लगातार सुना था की युवा, मध्यम स्तर और वरिष्ठ स्तर के न्यायाधीशों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा ,कभी-कभी न्यायाधीश के रूप में हमारे साथ व्यवहार में वे सीमा लाँघ जाते है। उन्होंने कहा, भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में मैंने देखा है की बहुत से वकील और वादी अदालत में हमसे बात करते समय सीमा लाँघते है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की हम उनपर कोर्ट अवमानना का केस कर दे। हमें बतौर जज या जस्टिस यह समझाना होगा की उन्होंने ऐसा क्यों किया। वे तनाव से गुजर रहे होते है। कार्यक्रम में CJI चंद्रचूड़ ने मामलो के त्वरित निपटान के लिए कर्नाटक में न्यायपालिका की भी सराहना की।