रूसी तेल आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए भारत ने तीन और रूसी बीमा कंपनियों स्बरबैंक इंश्योरेंस, युगोरिया इंश्योरेंस ग्रुप और एएसटीके इंश्योरेंस कंपनी को भारतीय बंदरगाहों पर आने वाले जहाजों के लिए समुद्री बीमा करने की मंजूरी दी है। इसके साथ भारत में अब जहाजों के लिए सुरक्षा और क्षतिपूर्ति (पीएंडआई) कवरेज के लिए रूस की मान्यता प्राप्त संस्थाओं की संख्या 8 हो चुकी है। अधिसूचना के अनुसार, यह कदम रूस को भारत जैसे प्रमुख बाजार में तेल आपूर्ति बनाए रखने में मदद करेगा।

भारत, चीन के बाद रूसी समुद्री तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, क्योंकि यूक्रेन में रूस के सैन्य कार्यवाही के कारण पश्चिमी देशों ने रूसी तेल खरीद पर प्रतिबंध लगाए थे।

समुद्री परिवहन, विशेष रूप से तेल कार्गो के लिए बीमा अनिवार्य है, क्योंकि तेल रिसाव जैसे जोखिमों के लिए उच्च सुरक्षा मानकों की आवश्यकता होती है। रूसी कंपनियां इंटरनेशनल ग्रुप ऑफ पीएंडआई क्लब्स का हिस्सा नहीं हैं, जो विश्व के अधिकांश टैंकरों के लिए दायित्व कवर प्रदान करता है।

क्यों होती है जहाजों की बीमा की जरूरत
अमेरिका और यूरोपीय संघ की ओर से रूस की तेल आपूर्ति शृंखला की बढ़ती जांच और जी-7 देशों की ओर से पश्चिमी जहाजों और बीमा के उपयोग के लिए तेल मूल्य सीमा के कारण रूस को तेल निर्यात में कठिनाई हो रही है। इससे बचने के लिए भारतीय रिफाइनरियां रूसी तेल को डिलीवर बेसिस पर खरीदती हैं, जिसमें विक्रेता जहाज और बीमा प्रदान करते हैं। फरवरी में भारत के तेल सचिव ने कहा था कि भारत केवल उन रूसी कंपनियों और जहाजों से तेल खरीदना चाहता है, जो अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन नहीं हैं। यह मंजूरी भारत-रूस व्यापार को और मजबूत करेगी।

आनंद राठी शेयर ने 90 लाख में निपटाया मामला
आनंद राठी शेयर एवं स्टॉक ब्रोकर्स ने 90.2 लाख रुपये भरकर सेबी के साथ मामले का निपटान कर लिया है। मामला केपीआईटी शेयरों में फ्रंट रनिंग से जुड़ा है। बाजार नियामक सेबी ने आनंद राठी को 7 मार्च, 2024 को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

सिप्ला 16 व टाटा मोटर्स 6 रुपये प्रति शेयर देगी लाभांश
सिप्ला और टाटा मोटर्स ने शेयरधारकों को लाभांश देने की घोषणा की है। सिप्ला ने बताया, उसे मार्च तिमाही में 1,222 करोड़ का लाभ हुआ, जो एक साल पहले की तुलना में 30 फीसदी अधिक है। कंपनी 16 रुपये प्रति शेयर लाभांश देगी। उधर, टाटा मोटर्स को मार्च तिमाही में 8,556 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। कंपनी ने प्रति शेयर 6 रुपये लाभांश देने की घोषणा की है। 

रत्न-आभूषण निर्यात अप्रैल में पांच  फीसदी घटकर 203.7 करोड़ डॉलर
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात अप्रैल में 4.62 फीसदी घटकर 203.7 करोड़ डॉलर रहा। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद यानी जीजेईपीसी के मुताबिक, कट एवं पॉलिश्ड हीरों का निर्यात इस दौरान 6.12 फीसदी घटकर 110.8 करोड़ डॉलर रहा। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने सोने के गहनों का निर्यात 5.41 फीसदी गिरकर 68.4 करोड़ डॉलर रहा। लैब में विकसित किए जाने वाले पॉलिश्ड हीरों का निर्यात भी मामूली बढ़कर 11 करोड़ डॉलर रह गया। चांदी के गहनों का निर्यात सालाना आधार पर 12 फीसदी से ज्यादा घटकर 3.8 करोड़ डॉलर रह गया। हालांकि, कलर जेमस्टोन का निर्यात एक साल पहले की तुलना में 12 फीसदी बढ़कर 2.76 करोड़ डॉलर रहा। 

अमेरिका-चीन समझौते से एशियाई शेयर बाजार में लौटी रौनक

अमेरिका और चीन द्वारा टैरिफ युद्ध पर 90 दिन की रोक लगाने पर सहमति बनने से शेयर बाजारों ने राहत की सांस ली है। इसी का असर है कि एशियाई शेयर बाजार में बढ़त देखी गई। जापान का निक्केई 225 0.8 प्रतिशत टूटकर 37,874 पर आ गया। वहीं ऑस्ट्रेलिया का एस एंड पी/एएसएक्स 200 0.1 प्रतिशत के अंतर से 8,260 पर आ गया। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 1.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाई दी। इसी तरह हॉन्ग-कॉन्ग का हांग सेंग भी 1.1 प्रतिशत की बढ़त पर है। 

सोने की कीमतों और टैरिफ नीति का सीपीआई पर होगा असर

वैश्विक टैरिफ युद्ध और सोने की बढ़ती कीमतों का असर आने वाले महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर भी होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। उच्च सीपीआई , जिसे महंगाई से जोड़कर देखा जाता है, वह खाद्य कीमतों के स्थिर रहने के बावजूद भी ज्यादा रह सकता है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में खुदरा महंगाई अप्रैल में 3.16 प्रतिशत है, जो कि मार्च में 3.34 प्रतिशत थी। अप्रैल में सीपीआई बीते छह वर्षों में सबसे कम है, जिससे सब्जियों, दालों और फल, मांस और मछली की कीमतों में कमी आई है। 

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