DuckDuckGo के CEO के अनुसार, Chrome की कीमत 50 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती है, जबकि ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के विश्लेषक मंदीप सिंह ने पिछले साल नवंबर में इसकी कीमत करीब 20 अरब डॉलर (लगभग 1,70,743 करोड़ रुपये) आंकी थी।
प्रतिद्वंद्वी सर्च इंजन DuckDuckGo के CEO गेब्रियल वेनबर्ग ने। यह बयान उन्होंने अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) द्वारा गूगल के खिलाफ चलाए जा रहे एंटीट्रस्ट ट्रायल के दौरान दिया। वेनबर्ग ने कहा कि यह एक “अनुमानित गणना” है, जो Chrome के यूजर बेस के आधार पर की गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि इतनी बड़ी कीमत DuckDuckGo के बजट से बाहर है।
क्यों चल रहा है ट्रायल?
यह सुनवाई गूगल की इंटरनेट सर्च में कथित एकाधिकार को लेकर चल रही है। पिछले साल न्यायाधीश अमित मेहता ने फैसला दिया था कि गूगल ने इंटरनेट सर्च के क्षेत्र में अवैध रूप से एकाधिकार स्थापित किया है। अब न्याय विभाग और कुछ अमेरिकी राज्य यह मांग कर रहे हैं कि गूगल को अपना लोकप्रिय Chrome ब्राउजर बेचना चाहिए, ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बहाल हो सके।
Chrome की अनुमानित कीमतों में मतभेद
DuckDuckGo के CEO के अनुसार, Chrome की कीमत 50 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकती है, जबकि ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के विश्लेषक मंदीप सिंह ने पिछले साल नवंबर में इसकी कीमत करीब 20 अरब डॉलर (लगभग 1,70,743 करोड़ रुपये) आंकी थी। इतनी ऊंची कीमत के चलते संभव है कि कई संभावित खरीदार पीछे हट जाएं, खासकर अगर कोर्ट Chrome को अलग करने का आदेश दे दे।
AI कंपनियों की भी है Chrome में रुचि
स मुकदमे में OpenAI और Perplexity जैसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनियों के अधिकारियों ने भी गवाही दी है। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट Chrome को अलग करने का फैसला करता है, तो वे इसे खरीदने में दिलचस्पी रखती हैं। गौरतलब है कि Google Chrome दुनिया का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला वेब ब्राउजर है और इसके जरिए गूगल को बड़ी मात्रा में यूजर डेटा और सर्च ट्रैफिक प्राप्त होता है, जिससे उसकी मार्केट स्थिति और भी मजबूत होती है।