बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स 424.90 अंक या 0.56% गिरकर 75,311.06 पर बंद हुआ, जबकि व्यापक बाजार निफ्टी 50 इंडेक्स 117.25 अंक या 0.51% की गिरावट के साथ 22,795.90 पर बंद हुआ। आइए जानते हैं शेयर बाजार का पूरा हाल।

शुक्रवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए, जिससे लगातार तीसरे सप्ताह भी गिरावट जारी रही। बाजार में गिरावट हैवीवेट वित्तीय और ऑटोमोबाइल शेयरों में कमजोरी के कारण दिखी। अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के कारण निवेशकों की धारणा कमजोर बनी हुई है।

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 424.90 अंक या 0.56 प्रतिशत गिरकर 75,311.06 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 623.55 अंक या 0.82 प्रतिशत गिरकर 75,112.41 अंक पर आ गया। एनएसई निफ्टी 117.25 अंक या 0.51 प्रतिशत गिरकर 22,795.90 पर आ गया। बीते चार कारोबारी दिनों में बीएसई का सूचकांक 685.8 अंक या 0.90 प्रतिशत गिरा, जबकि निफ्टी 163.6 अंक या 0.71 प्रतिशत गिरा। 

ऑटो शेयरों और विदेशी फंडों की लगातार निकासी के कारण शुक्रवार को प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। कमजोर अमेरिकी बाजार और टैरिफ की धमकियों ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स शेयर ये रहे

सेंसेक्स में शामिल शेयरों में से महिन्द्रा एंड महिन्द्रा में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। अदाणी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स, सन फार्मा, पावर ग्रिड, जोमैटो, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट भी पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। टाटा स्टील, लार्सन एंड टुब्रो, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, एचडीएफसी बैंक और एनटीपीसी लाभ में रहे।

जानकारों के अनुसार, “एफआईआई की लगातार बिकवाली, रुपये में गिरावट, महंगे मूल्यांकन और अमेरिका की ओर से  टैरिफ लगाने की धमकी जैसे नकारात्मक कारणों से निवेशक भारतीय शेयरों से दूर हो रहे हैं।”

मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “वास्तव में, स्थानीय बेंचमार्क ने एशियाई और यूरोपीय दोनों सूचकांकों की तुलना में कम प्रदर्शन किया, जिनमें उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। धातुओं को छोड़कर, घरेलू बाजारों में गिरावट का कारण बैंकिंग, आईटी, दूरसंचार, ऑटो, रियल्टी और तेल एवं गैस शेयरों में कमजोरी थी।”

एफआईआई ने गुरुवार को 3,111.55 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची

एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने गुरुवार को 3,311.55 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में व्यापक आधार पर कमजोरी जारी रही, जिसका मुख्य कारण एफओएमसी की बैठक के आक्रामक रुख को लेकर निवेशकों की चिंता थी, जिसमें ब्याज दरों में लंबे समय तक वृद्धि का संकेत दिया गया था, जिससे उभरते बाजारों में तरलता बाधित हो सकती है।

उन्होंने कहा, “हालांकि बाजार में स्वस्थ सुधार हुआ है, लेकिन कॉर्पोरेट आय में क्रमिक सुधार और टैरिफ से संबंधित जारी जोखिमों के कारण मूल्यांकन के स्तर पर संदेह बना हुआ है, खासकर व्यापक बाजार में। भारत फिलहाल अपने एशियाई समकक्षों से पीछे है, क्योंकि एफआईआई का बहिर्वाह उच्च बना हुआ है, और “भारत बेचो, चीन खरीदो” की रणनीति फिलहाल लाभ दे रही है।”

एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग सकारात्मक दायरे में बंद हुए। यूरोपीय बाजार ज्यादातर बढ़त पर बंद हुए। गुरुवार को अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.59 प्रतिशत गिरकर 76.05 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। गुरुवार को सेंसेक्स 203.22 अंक या 0.27 प्रतिशत गिरकर 75,735.96 पर बंद हुआ था। निफ्टी 19.75 अंक या 0.09 प्रतिशत गिरकर 22,913.15 पर बंद हुआ था।

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