दुनियाभर में युवाओं में बढ़ती टेक्स्ट नेक बीमारी को लेकर अलर्ट किया जा रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि 73% विश्वविद्यालय के छात्रों और 64.7% लोग जो वर्क फ्रॉम होम करते हैं, वो इसका शिकार हो सकते हैं। आखिर क्या है ये समस्या?

लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी ने वैश्विक स्तर पर हर उम्र के लोगों की सेहत को प्रभावित किया है। युवा आबादी भी इसका तेजी से शिकार होती जा रही है। युवाओं में बढ़ती डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या तो विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बनी ही हुई है, इसके साथ-साथ दुनियाभर में युवाओं में बढ़ती टेक्स्ट नेक बीमारी को लेकर भी अलर्ट किया जा रहा है। ये समस्या न सिर्फ असहनीय दर्द का कारण बनती है साथ ही कई अन्य प्रकार की असहजताओं को भी बढ़ाने वाली हो सकती है।

अध्ययनकर्ता बताते हैं कि टेक्स्ट नेक एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के तौर पर बढ़ती जा रही है। महामारी विज्ञान के आंकड़ों से पता चलता है कि 73% विश्वविद्यालय के छात्रों और 64.7% लोग जो वर्क फ्रॉम होम करते हैं, वो इसका शिकार हो सकते हैं। टेक्स्ट नेक के कारण आपको गर्दन या पीठ दर्द में दर्द बनी रहती है जिसके कारण दिनचर्या के सामान्य कामकाज करने में भी दिक्कत महसूस होने लगती है।

आइए जानते हैं कि टेक्स्ट नेक क्या है और ये समस्या क्यों बढ़ रही है? 

टेक्स्ट नेक सिंड्रोम के बारे में जानिए

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, टेक्स्ट नेक सिंड्रोम एक नया टर्म है, इसे टेक नेक या स्मार्टफोन नेक के नाम से भी जाना जाता है। लंबे समय तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फोन-कंप्यूटर को आगे की तरफ झुककर देखते रहने के कारण गर्दन पर अतिरिक्त दबाव और तनाव बढ़ जाता है जिसके कारण आपको ये दिक्कत हो सकती है। सरल भाषा में समझें तो टेक्स्ट नेक की दिक्कत तब होती है जब आप  स्क्रीन को देखने के लिए सिर आगे और नीचे की ओर झुकते हैं और इसके कारण गर्दन और रीढ़ पर बार-बार तनाव बढ़ता है।

तटस्थ स्थिति में मानव सिर का वजन 10-12 पाउंड (साढ़े चार से पांच किलो) के बीच होता है लेकिन आगे की ओर झुकने पर यह वजन बढ़ जाता है जिससे गर्दन की मांसपेशियों और रीढ़ पर अतिरिक्त दबाव भी पड़ने लगता है। 

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