टुंडी : पश्चिमी टुंडी मनियाडीह थाना क्षेत्र के बस्तीकुल्ही गांव में 30की संख्या में जंगली हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया व आठ आदिवासियों के घरों को क्षतिग्रस्त करते हुए घर में रखे सारे अनाज चट कर गए तथा पैरों से तितर-बितर कर दिया।
वन विभाग को हाथियों को भगाने के लिए काफी मशक्कत उठानी पड़ी। प्राप्त समाचार के अनुसार टुंडी पहाड़ में पिछले एक माह से ठहरें 30की संख्या में जंगली हाथियों का झुंड शनिवार लगभग एक बजे रात को चिंघाड़ते हुए गुआकोला टुंडी पहाड़ से पश्चिमी दिशा के रास्ते आगे बढ़ने लगा।
इस दौरान हाथियों का झुंड गंगापुर व बस्तीकुल्ही गांव में झुंड दो गुटों में बंट गए।वन विभाग का टीम पीछे पीछे चल रहा था रात की वजह से समझ नहीं पाये व मशालची टीम गंगापुर में उलझकर रह गये जबकि हाथियों का एक झुंड मशालचियों को चकमा देकर तेज चाल में बस्तीकुल्ही गांव के कोल टोला में जा धमका।
गांव में हाथियों के झुंड देखते ही दहशत फैल गया तथा ग्रामीण जान बचाकर इधर उधर भागने लगे।इस दौरान जंगली हाथियों के एक दल गांव के पानो देवी बेलमुनी देवी पिंटू कोल सारथी देवी विरेन्द्र कोल दुर्गा कोल कमल कोल कल्याणी देवी आदि का घर तोड़ते हुए घर रखें सारे अनाज खाकर तितर-बितर कर दिया।
जानकारी मिलने पर वन विभाग के प्रभारी फोरेस्टर फैजान अहमद आरक्षी मोहन नायक जसीम अंसारी मशालचियों के साथ पहुंचे व जंगली हाथियों को तोपचांची रैंज से बाहर कर गिरिडीह जिले के पीरटांड़ सीमा में भगा दिया।
जंगली हाथियों के झुंड टुंडी सीमा से बाहर जाने से पहाड़ी तराई क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।वन विभाग के अनुसार जाने के क्रम में जंगली हाथियों के झुंड ने रास्ते में मिल सभी कटहल फल को खाकर जमकर लुत्फ उठाया। तोपचांचीरैंज के वन विभाग की टीम शाम को पहुंचीं तथा पीड़ित परिवारों को चावल दाल तेल आलू नमक आदि सामग्री मुहैया कराई।
इधर हाथियों के झुंड द्वारा नुकसान किए जाने पर झारखंड जनहित मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष माना पाठक ने जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी को जानकारी देते हुए अविलंब पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
उन्होंने डीएफओ से कहा कि पहले भी ऐसी घटना के पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है उसे भी जल्द मुहैया कराई जाय।