धनबाद / कतरास : दिनांक 2 अप्रैल 2024 को सरस्वती विद्या मंदिर सिनीडीह में सुंदरकांड पाठ हवन- पूजन के साथ नए सत्र की शुरुआत की गई। बड़ी संख्या में भैया-बहन उपस्थित हुए। इस सत्र के प्रारंभ में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री राकेश सिन्हा जी ने भैया – बहनों को रामचरितमानस एवं हवन पूजन के महत्व को बताते हुए कहा कि सनातन धर्म की परंपरा रही है कि जब भी हम कोई मांगलिक कार्य प्रारंभ करते हैं तो सर्वप्रथम हम हवन- पूजन एवं यज्ञादि के द्वारा कार्य की शुरुआत करते हैं ।अत: इस सत्र की शुरुआत भी मानस पाठ एवं हवन-पूजन के साथ किया गया है।

उन्होंने कहा कि हमें समाज के अंतिम छोर तक विद्या भारती के शिक्षण पद्धति को ले जाना है और समाज को जागरूक करना है ताकि अधिक से अधिक‌ समाज के लोग हमारी शिक्षण पद्धति से जुड़े और उनमें राष्ट्रीयता का संचार हो सके । उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर में अंग्रेजी का वातावरण बनाने ,

सामाजिक विज्ञान को अंग्रेजी में चलाने,इसरो द्वारा आयोजित बाल वैज्ञानिक कार्यक्रम युविका , भारतीय प्रशासनिक क्षेत्र,JEE एवं NEET में अधिक से अधिक भैया- बहन चयनित हो सके और पिछले साल की तरह इस वर्ष भी अखिल भारतीय स्तर पर अधिक से अधिक पुरस्कार आए इस का लक्ष्य रखा गया। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालय में आधुनिक शिक्षण पद्धति के द्वारा अध्यापन कार्य किया जाता है।

डिजिटल बोर्ड के माध्यम से विषय को प्रतिपादित किया जाता है। विज्ञान की हर शाखा का विस्तृत प्रयोगशाला, समृद्ध विशाल पुस्तकालय , आधुनिक संसाधनों से युक्त अटल टिंकरिंग लैब, जहां अपने विद्यालय के साथ-साथ आसपास के विद्यालय भैया-बहन कौशल विकास के गुर सीखते हैं।

उन्होंने कहा कि विद्यालय सामाजिक चेतना का केंद्र होता है, खास कर विद्या भारती द्वारा चालित विद्यालयों में भारतीय संस्कृति से संबंधित बातों को मुख्य रूप से भैया-बहनों के सामने में रखा जाता है, ताकि उनके अंदर राष्ट्रीयता का भाव जागृत हो सके जो आगे चलकर राष्ट्र के निर्माण में काम आ सके। कार्यक्रम के अंत में सभी भैया-बहनों को प्रसाद देकर विदा किया गया। आज के इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अभिभावक बंधु -भगिनी उपस्थित हुए।