होली की पवित्र अग्नि में निराशा और नकारात्मकता का दहन हो जाए । भूलकर सब गीले-शिकवे प्रेम से आज सबको गले लगाए।
होलिका दहन की शुभकामनाएं।
इस साल होलिका दहन 24 मार्च यानी आज मनाया जाएगा । अगले दिन यानी (25 मार्च) चैत्र प्रतिपदा के दिन रंग वाली होली खेली जाएगी। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता आया है।
इस दिन लोग लकड़ी और घास का ढेर लगाकर उसे जलाते हैं और होलिका की पूजा करते हैं।
होलिका दहन के अवसर पर आज भद्रा का भी साया है। इस साल होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
24 मार्च को भद्रा का साया सुबह 9 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09:54 मिनट से लेकर 25 मार्च को दोपहर 12:29 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 24 मार्च को रात 11.13 बजे से रात 12.27 बजे तक रहेगा।
होलिका की पूजा करने का क्या है आशय
पौराणिक कथा के अनुसार, राक्षस योनि में जन्मे एक राजा और उनकी पत्नी , हिरण्यकश्यप और कयाधु का एक संतान था,प्रह्लाद। जो भगवान विष्णु का परम भक्त था। यही वजह है कि हिरण्यकश्यप अपने पुत्र को मारना चाहते थे। हिरण्यकश्यप नहीं चाहते थे कि प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करे।
राक्षस हिरण्यकश्यप की एक बहन थी, होलिका। जो ऋषि के श्राप के कारण राक्षसी बन गई थी। किन्तु उसने ब्रम्हा की घोर तपस्या कर के खुद के लिए एक वरदान अर्जित किया था। एक दिन, हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से अपने बेटे को मारने की योजना बनाई। होलिका के पास एक दिव्य शॉल थी, जो उसे ब्रम्हा से वरदान स्वरुप मिला था। होलिका को यह शॉल होलिका को अग्नि से बचाने का सामर्थ रखा था। होलिका ने प्रह्लाद को लालच दिया कि वो प्रचंड अलाव में उसके साथ बैठे लेकिन भगवान विष्णु की कृपा के कारण, दिव्य शाल ने होलिका के बजाय प्रह्लाद की रक्षा की। होलिका जलकर राख हो गई और प्रह्लाद अग्नि से बाहर निकल आया। तब से इस घटना को मद्देनज़र रखते हुए , इस त्योहार को होलिका दहन के नाम से जाना जाता है।
भतीजे प्रहलाद के साथ आग में बैठने के बाद होलिका की मृत्यु हो गई और आग में जलने के कारण वह शुद्ध भी हो गई। यही कारण है कि होलिका के राक्षसी होने के बावजूद होलिका दहन के दिन एक देवी के रूप में पूजा-अर्चना की जाती है।