नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court) की 9 जजों की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) की व्याख्या को लेकर सुनवाई शुरू कर दी है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या सरकार किसी निजी संपत्ति को सामुदायिक भलाई के लिए पुनर्वितरित कर सकती है? ऐसे में ये मुद्दा जितना कानूनी है उससे कहीं ज्यादा राजनीतिक भी है.

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट जिस सवाल को लेकर सुनवाई कर रहा है वो बहुत पुराना है. लेकिन फिलहाल देश के चुनावी माहौल में ये गरमा चुका है क्योंकि इसका जिक्र खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले किया था. 

उस दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों और अन्य जातियों की जनसंख्या की सटीक जानकारी के लिए सबसे पहले, हम जाति जनगणना कराएंगे.

उसके बाद वित्तीय एवं संस्थागत सर्वेक्षण शुरू होगा. इसके बाद, हम भारत की संपत्ति, नौकरियों और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को इन वर्गों को उनकी जनसंख्या के आधार पर वितरित करने का ऐतिहासिक कार्यभार संभालेंगे.

राहुल गांधी के इस बयान पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया और  आरोप लगाया कि कांग्रेस पुनर्वितरण के लिए नागरिकों की निजी संपत्ति छीन लेगी. और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के 2006 के भाषण का हवाला भी दिया.