दिल्ली : बेंच बोली- भ्रूण को जीने का मौलिक अधिकार; 20 साल की युवती 27 हफ्ते की प्रेग्नेंट सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने से बुधवार (15) मई इनकार कर दिया, जिसमें 27 हफ्ते की गर्भवती 20 साल की युवती ने अबॉर्शन की इजाजत मांगी थी।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गर्भ में पल रहे भ्रूण को भी जीने का मौलिक अधिकार है।

जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस एस वी एन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता में याचिका को खारिज किया है।

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट युवती को अबॉर्शन के इजाजत देने से इनकार कर दिया था।

जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम कानून के विपरीत कोई आदेश पारित नहीं कर सकते।