सिजुआ / धनबाद : रामपुर में रक्षा काली पूजा धुमधाम के साथ संपन्न हुआ। पुजारी बाच्चु ठाकुर ने अमवस्या की रात पूरे विधि विधान के साथ माता की पूजा अर्चना की। रामपुर सहित आसपास के गांव की महिला-पुरूष श्रद्धालु दिनभर उपवास रख रातभर माता की आराधना में लीन रही। पूजा से एकदिन पूर्व माता की प्रतिमा बनाकर स्थापित की गई थी। देर रात पाठो की बली दी गई। बुधवार अहले सुबह माता का भोग वितरण की गई। देर शाम माता की प्रतिमा विसर्जित की जाएगी।
रामपुर में रक्षा काली की पूजा का इतिहास सौ वर्ष पुरानी है। पहले माता की पूजा अर्चना झोपड़ीनुमा मंदिर में होती थी। दिन बीतने के साथ ही ग्रामीण व काली भक्तो के सहयोग से भव्य मंदिर में माता काली विराजमान है। यहां भव्य रूप से पूजा होती है। पुजारी बाच्चु ठाकुर ने बताया कि यहां देश आजादी से पूर्व अंग्रेजो के जमाने से माता की पूजा अर्चना होती आ रही है। यहां जो भी भक्त सच्चे मन से कुछ मांगते है उसकी मुराद पुरी होती है। यहां पूजा को लेकर कई कहानी जुड़ी हुई है। पहले कुछ गिने चुने लोग माता की पूजा करते थे लेकि