प्रयागराज जाने वाले मार्ग पर जाम की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। मिर्जापुर-प्रयागराज हाइवे का एक लेन जाम की चपेट में रहा। रविवार से लेकर सोमवार तक इस मार्ग पर वाहन रेंगते नजर आए।
महाकुंभ प्रयागराज से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण रविवार को वाहनों का रेला उमड़ पड़ा। हर तरफ लोग जाम से जूझते रहे। मिर्जापुर-प्रयागराज हाईवे दिन-रात जाम की चपेट में रहा। 24 घंटे में जिले की सड़कों से चार लाख से ज्यादा वाहन गुजरे। घंटों लोग जहां-तहां फंसे रहे।
महाकुंभ पलट प्रवाह के चलते जहां विंध्याचल मंदिर में दर्शन-पूजन का नया रिकार्ड बना तो मिर्जापुर जिले से गुजरने वाले वाहनों का भी रिकार्ड बना। 24 घंटे में प्रयागराज जाने और वहां से आने वाले वाहनों का आंकड़ा चार लाख पार कर गया। इसके कारण प्रयागराज-मिर्जापुर हाईवे पर दिन-रात वाहनों की कतारें लगी रहीं। ऐसे में चंद किलोमीटर का सफर तय करने में लोगों को घंटों लग गए।
विंध्याचल में टोल प्लाजा से ओझला तक, ओझला के आगे नटवा, सेम्फोर्ड स्कूल, शास्त्री पुल होते चील्ह के पुराने बाड़ा तक वाहनों की कतारें अनवरत लगी रहीं।
आईजी आरपी सिंह, एसएसपी सोमेन बर्मा, एएसपी आपरेशन ओपी सिंह, यातायात प्रभारी विपिन पांडेय यातायात यातायात व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। सबसे ज्यादा वाहन मध्य प्रदेश, उड़ीसा, बिहार, गुजराज, बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़, झारखंड के थे। नेपाल से आने वाली बसें भी जाम में फंसी रहीं।
जिगना-मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर रहा रूट डायवर्जन
जिगना-मिर्जापुर-प्रयागराज मार्ग पर वाहनों की भीड़ को देखते हुए रविवार को भी रूट डायर्वजन रहा। मिर्जापुर, रीवा, सोनभद्र, वाराणसी चंदौली, जौनपुर, भदोही की ओर जाने वाले वाहनों को गैपुरा से वाया लालगंज भेजा जा रहा था। उन्हीं यात्री वाहनों को विंध्याचल जाने दिया जा रहा था, जिनमें मां के दर्शन करने थे।
वाहनों को लालगंज मार्ग पर डायवर्ट करते समय मिर्जापुर प्रयागराज मार्ग पर जाम लगता रहा। शास्त्री ब्रिज भी पूरे दिन जाम की चपेट में रहा। गैपुरा चौराहे पर क्षेत्राधिकारी घोरावल राहुल पांडेय, थानाध्यक्ष जिगना शैलेश कुमार राय, थानाध्यक्ष संतनगर जीतेंद्र सरोज व चौकी प्रभारी गैपुरा आनंद शंकर सिंह यातायात व्यवस्था संभालते रहे।
न पार्किंग बनी, न तय हुए रूट, वसूल रहे मनमाना किराया
मिर्जापुर शहर में शहर में बिना कायदे-कानून के चल रहे 10 हजार ई-रिक्शा और तीन हजार ऑटो जाम का सबब बन गए हैं। इनके लिए न तो कहीं पार्किंग बनाई गई है और न रूट तय किए गए। किराये का भी निर्धारण नहीं किया गया। ऐसे में सड़कों पर ही वाहन खड़े कर सवारियां बैठाने की होड़ लगती है, जिसके कारण लोगों को जाम से जूझना पड़ता है।
पिछले पांच साल में साढ़े पांच हजार ई-रिक्शा का पंजीकरण कराया गया है। वहीं, ऑटो यूनियन के लोगों के मुताबिक 10 हजार ई-रिक्शा और तीन हजार के करीब ऑटो संचालित हो रहे हैं। नगरमें वर्ष 2022 में अवैध स्टैंड हटाए गए थे।
पीली कोठी में ऑटो यूनियन को पार्किंग की अनुमति दी गई थी, लेकिन इस साल जनवरी में स्टैंड का नवीनीकरण नहीं हो सका है। घोड़े शहीद, टेड़वा परमापुर, संगमोहाल, बथुआ, पीलीकोठी समेत कई जगह अवैध तरीके से ही वाहन स्टैंड चल रहे हैं। स्टैंड तय न होने से ऑटो और ई-रिक्शा चालक जहां-तहां वाहन खड़े कर सवारियों को बैठाते हैं, जिस कारण जाम लगता है।
पिछले साल वाहनों पर कलर कोडिंग और नंबरिंग करने की योजना बनाई गई थी, ताकि तय रूटों पर इनका संचालन हो सके। इससे समस्या का काफी हद तक जाम की समस्या का निराकरण हो जाता, लेकिन इस योजना को भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। अब पुलिस महाकुंभ बीतने के बाद योजना को लागू करने की बात कह रही है।
50 फीसदी ई-रिक्शा पंजीकरण और लाइसेंस नहीं
शहर में चल रहे 50 फीसदी ई-रिक्शा का पंजीकरण ही नहीं कराया गया। साथ ही इनके चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं है। बिना रजिस्टर्ड, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वालों की संख्या अधिक है। वहीं, 10 प्रतिशत ई-रिक्शा चालक नाबालिग हैं। लाइसेंस बनाने के लिए कैंप लगाया जाता है, लेकिन बहुत कम संख्या में चालक पहुंचते हैं।
इनकी भी सुनें
ऑटो और ई-रिक्शा स्टैंड का आवंटन यूनियन को करना था। यूनियन ने मिर्जापुर और विंध्याचल में जमीन किराये पर लेकर स्टैंड चलाने की बात कही थी, पर स्टैंड नहीं बन सका। पीलीकोठी का स्टैंड मिला था, उसका भी नवीनीकरण नहीं हो सका है। – कमलेश चौहान, अध्यक्ष, ऑटो-ई-रिक्शा चालक सेवा समिति
सड़क सुरक्षा की बैठक में नगर पालिका को स्टैंड के लिए जमीन आवंटन की जिम्मेदारी दी गई थी। वाहनों के रूट निर्धारण के लिए कलर कोडिंग और नंबरिंग की योजना बनाई गई है। महाकुंभ के बाद इस योजना के लागू कराया जाएगा। लाइसेंस और पंजीकरण के बिना चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई की जाती है।