महिंद्रा e-ZEO की बिक्री पर जेंसोल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ने आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसपर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को जेंसोल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Gensol Electric Vehicles) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड की सहायक कंपनी महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी को अपने कमर्शियल इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर e-ZEO की बिक्री से रोकने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने रोक लगाने से किया इंकार
न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि महिंद्रा और जेंसोल के वाहन अलग-अलग श्रेणियों में आते हैं और विभिन्न उपभोक्ता समूहों को लक्षित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा किया कि जेंसोल का वाहन एक इलेक्ट्रिक पैसेजर व्हीकल है, जबकि महिंद्रा का वाहन कमर्शियल श्रेणी का इलेक्ट्रिक वाहन है। इसलिए, उनके आकार, डिजाइन, उपयोग और संभावित ग्राहकों में अंतर है।
जेंसोल ने लॉन्च नहीं किया है वाहन
अदालत ने यह पाया कि जेंसोल ने अभी तक अपने ‘EZIO’ नामक वाहन को बाजार में लॉन्च नहीं किया है और न ही किसी अन्य वाहन को। इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि वाहनों के संबंध में जेंसोल की बाजार में अपनी कोई पहचान बनाई है। दूसरी ओर, महिंद्रा कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में एक लोकप्रिय नाम है और उसने अक्टूबर में अपने e-ZEO वाहन के आधिकारिक लॉन्च की घोषणा की थी।