पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध खरीदार बने रहे। इस दौरान उन्होंने 17,424.88 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध खरीदार बने रहे। इस दौरान उन्होंने 17,424.88 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। एनएसडीएल की ओर से जारी आंकड़ों से इसकी पुष्टि होती है।

हाल ही में, कश्मीर में आतंकवादियों की ओर से निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद एक बड़ी भू-राजनीतिक चिंता पैदा हुई है। इसके कारण भारतीय बाजारों पर एक बड़ा असर दिखा। निवेशकों को भारत की जवाबी कार्रवाई की आशंका है, जैसा कि उरी और बालाकोट हमलों के बाद हुआ था। पिछली बार भारत की ओर से आतंकी हमलों के 10 और 15 दिन बाद कार्रवाई की गई थी। 

बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा के अनुसार भू-राजनीतिक नतीजे और कश्मीर में निर्दोष पर्यटकों की हत्या करने वाले पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का जोखिम भारतीय बाजारों पर हावी है।

उन्होंने कहा कि अच्छी आय, अच्छे एफपीआई प्रवाह और टैरिफ युद्ध में नरमी जैसे मजबूत वैश्विक संकेतों के बावजूद कश्मीर में हुए हत्याकांड के बाद भारतीय बाजार फिसल गए। यह भू-राजनीतिक असर अगले कुछ हफ्तों तक भारतीय बाजारों को धीमा रख सकता है।

भले ही भारतीय कंपनियों ने अच्छी आय दर्ज की हो, विदेशी निवेशकों ने मजबूत निवेश किया हो और वैश्विक संकेत टैरिफ युद्ध के संभावित समाधान की उम्मीद बढ़ी हो लेकिन कश्मीर की घटना के बाद भारतीय बाजार में बिकवाली दिखी।

पिछले दो हफ्तों में मजबूत निवेश के बावजूद, अप्रैल में शुद्ध एफपीआई निवेश नकारात्मक बना हुआ है। एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के लिए शुद्ध निकासी 5,678 करोड़ रुपये है। यह बताता है कि हाल के समय में बाजार में लौटा निवेश उससे पहले हुई निकासी की भरपाई फिलहाल पूरी नतह से नहीं कर पाया है। 

वर्ष 2025 की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से बड़ी मात्रा में निकासी की है। 2025 के लिए अब तक एफपीआई की ओर से शुद्ध निकासी 1,22,252 करोड़ रुपये है। वैश्विक बाजार में भले ही आने वाले कुछ दिनों में सकारात्मक रुख दिखे पर भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बढ़े मौजूदा तनाव के कारण भारतीय बाजारों पर दबाव दिख सकता है।

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