बैंकों का कर्ज 7 मार्च को समाप्त पखवाड़े तक सालाना आधार पर 11.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 225.10 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।
इस अवधि तक बैंकों में जमा राशि 10.2 फीसदी बढ़कर 181.28 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मूल्य के लिहाज से देखों तो 7 मार्च को समाप्त पखवाड़े में बैंक कर्ज 1.38 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है, जबकि जमा राशि में 2.25 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है।
बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि नकदी की कमी और जमा राशि जुटाने के दबाव के कारण बैंक आक्रामक तरीके से कर्ज देने से बच रहे हैं। निजी क्षेत्र के कई बड़े बैंक अपने कर्ज-जमा अनुपात को घटाने पर ध्यान दे रहे हैं। इस कारण पिछले कुछ महीनों में कर्ज वृद्धि की रफ्तार घटी है।
हालांकि, आरबीआई के तरलता कवरेज अनुपात ढांचा और एनबीएफसी पर बढ़े जोखिम भार को वापस लेने जैसे कदमों से आने वाले महीनों में बैंकों के कर्ज बांटने की रफ्तार बढ़ सकती है।
महिंद्रा के वाहन भी तीन फीसदी तक होंगे महंगे
महिंद्रा एंड महिंद्रा भी अप्रैल से एसयूवी व वाणिज्यिक वाहनों की कीमतों में तीन फीसदी तक बढ़ोतरी करेगी। कंपनी ने कहा, बढ़ती उत्पादन लागत और जिंसों की कीमतों में वृद्धि से यह फैसला लिया गया है। मारुति समेत कई कंपनियां भी दाम बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं।
मुंबई: 70,000 भ्रामक सोशल मीडिया पोस्ट और खाते हटाए गए
बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल ‘फिन-इन्फ्लुएंसर’ ढांचे के लागू होने के बाद से सोशल मीडिया मंचों से 70,000 भ्रामक खाते और पोस्ट हटाए हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने शुक्रवार को कहा, अपंजीकृत निवेश सलाहकार और शोध विश्लेषक एक खतरा हैं, जो निवेश में लोगों की बढ़ती रुचि का फायदा उठा रहे हैं। ऐसे सलाहकारों से लोगों को बचाने के प्रयासों के तहत अक्तूबर, 2024 से अब तक सेबी ने 70,000 से अधिक भ्रामक खातों और पोस्ट को हटाने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के साथ काम किया है। पंजीकृत निवेश सलाहकारों के कार्यक्रम में अनंत नारायण ने बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने में सलाहकारों की मदद मांगी। साथ ही, सेबी पंजीकृत संस्थाओं की पहचान में मदद के लिए यूपीआई ‘पेराइट’ खाते और इस दिशा में नियामक के प्रयासों के रूप में वैकल्पिक केंद्रीकृत शुल्क संग्रह तंत्र का उल्लेख किया। एजेंसी
बाजार में निवेश प्रवाह उतना बुरा नहीं : सेबी सदस्य
विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) की निकासी पर पूर्णकालिक सदस्य ने कहा, कुल मिलाकर निवेश प्रवाह उतना बुरा नहीं है, जितना सोचा गया था। लेकिन, हमें आत्मसंतुष्ट नहीं होना चाहिए, क्योंकि भारत को विदेशी बचत की जरूरत है। उन्होंने कहा, फरवरी, 2025 तक एफपीआई के पास भारतीय शेयर बाजार में 62 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।पिछले पांच वर्षों में शेयर और ऋण में 54 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जो उससे पहले के पांच वर्षों के 19 अरब डॉलर से बहुत अधिक है।
भारत के अगरबत्ती उद्योग में बाल श्रम में कमी: रिपोर्ट
बाल अधिकार गैर सरकारी संगठनों के गठबंधन द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत के अगरबत्ती निर्माण उद्योग में बाल श्रम में कम उम्र के श्रमिकों के रोजगार में उल्लेखनीय गिरावट आई है। बिहार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में किए गए इस शोध में इस क्षेत्र से बाल श्रम के उन्मूलन में हुई प्रगति पर प्रकाश डाला गया। हालांकि, अनियमित परिस्थितियों में घर-आधारित काम में लगे बच्चों के बारे में चिंताएँ भी जताई गईं।
जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस द्वारा कई गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किए गए अध्ययन से पता चला कि 82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपने इलाकों में कोई बाल श्रम नहीं देखा। केवल 8 प्रतिशत ने बताया कि उन्होंने बच्चों को अगरबत्ती निर्माण में लगे देखा है, सर्वेक्षण किये गए राज्यों में कुल 31 बच्चों की पहचान की गई – आंध्र प्रदेश में 13 और कर्नाटक में 18।
रिपोर्ट में कहा गया है, “अगरबत्ती उद्योग ने बाल श्रम को समाप्त करने में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसका श्रेय बढ़ती जागरूकता, नीतिगत हस्तक्षेप और सख्त नियमों को जाता है। हालांकि, हमें सतर्क रहना होगा, क्योंकि बाल श्रम के क्षेत्र अभी भी मौजूद हैं, खासकर घरेलू परिवेश में।” अध्ययन में तीन राज्यों के कुल 153 उत्तरदाताओं का सर्वेक्षण किया गया, जिनका चयन साहित्य समीक्षा और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों की अंतर्दृष्टि के आधार पर किया गया था।