धनबाद \ कतरास : बीसीसीएल एरिया 4 अंतर्गत चल रहे आउटसोर्सिंग कंपनी से होने वाले कोयले प्रोडक्शन से बीसीसीएल मुनाफे में अव्वल होता रहा है, 20% बीसीसीएल कर्मियों के बदौलत कोल इंडिया कोयले उत्पादन करने में अव्वल साबित हो रही है , लेकिन 80 % बीसीसीएल कर्मी का इसमें योगदान सही मायने में नहीं दिखता है
क्योंकि बीसीसीएल कंपनी में जो कर्मियो व अधिकारी कार्य कर रहे उनके लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाया गया , जहां कर्मी समय पर ड्यूटी आएंगे और समय से ड्यूटी से वापस घर जाएंगे , लेकिन यहां कुछ और ही नजारा दिखने को मिल रहा है, एक ताजा मामला यह रहा कि बीसीसीएल एरिया 4 के इलेक्ट्रिक फोरमैन के पद पर कार्यरत दिलीप पांडे मोदीडीह कोलियरी में कार्यरत थे और ड्यूटी जाने के बाद हाजिरी बनाकर शराब के नशे में 4 से 5 घंटे के अंदर घर पहुंच कर अपने घर में ही फांसी के फंदे से झूल जाते हैं , आखिर इस तरह घर आने कि छूट कैसे मिला, उन्हें घर आने का छुट किसने दिया, देखरेख करने के लिए अधिकारी भी मौजूद है फिर कई कर्मी बायोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस बनाकर अपने घर के कार्यों में कैसे लग जाते हैं
अटेंडेंस बनाने जब कर्मीचमचमाती गाड़ियों से पहुंचते हैं तो यूनिफॉर्म भी पहने हुए नहीं होते है , अटेंडेंस बनाने के बाद बाजार से सब्जी खरीदना, किसी मीटिंग के बैठक में शामिल होना भी देखा जाता है, कई होटल में पार्टी मनाते हुए देखा जाता है ,उसके बाद ड्यूटी से हाजरी आउट कराने के वक्त वह किसी तरह पहुंच जाते हैं और अपने उस दिन का ड्यूटी को कार्य को बायोमेट्रिक सिस्टम मशीन के सामने खड़ा होकर सफल बताते हैं,
आखिर बीसीसीएल कंपनी बायोमेट्रिक सिस्टम क्यों लागू किया, क्योंकि कर्मी समय पर आकर जो जिम्मेदारी है उस कार्य को बखूबी से निभाकर अपने ड्यूटी समाप्त कर घर वापस जाएंगे, बायोमेट्रिक सिस्टम जब लागू किया जा रहा था तो काफी विरोध भी हो रहा था ,क्यों विरोध किया जा रहा था ,क्योंकि पहले मैन्युअल खाते में हाजिरी बाबू द्वारा हाजिरी बनाया जाता था,
जो कहीं भी रहकर एक फोन के माध्यम से हाजिरी बना लिया जाता था , क्यों नही बिहार में रहे, पंजाब में रहे, कोलकाता में रहे ,यूपी में रहे ,इलाहाबाद में रहे , देश के किसी भी कोने में रहकर फोन से उनकी हाजिरी बनाया जाता था , इस तरह के शिकायत मिलने के बाद बीसीसीएल कंपनी ने रोक लगाने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लागू किया, लेकिन इन बायोमेट्रिक सिस्टम को भी दुरुपयोग में लाया जा रहा है सिर्फ और सिर्फ इन आउट का ही ध्यान कर्मी को रहता है , बीसीसीएल कंपनी का कार्य किस तरह से हो उसकी चिंता उन्हें नहीं है, इस पर बीसीसीएल कंपनी को पहल करने कि जरूरत है