हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल 5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। इस दिन का धार्मिक महत्व अत्यंत विशेष माना जाता है, क्योंकि इसे ध्यान, तप और साधना के लिए अत्यंत शुभ तिथि माना गया है।
मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन पवित्र नदी में स्नान करता है और साधना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी दौरान केसरिया वस्त्र धारण कर प्रधानमनंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने मां गंगा पूजा की। त्रिवेणी संगम में प्रधानमंत्री ने रुद्राक्ष की माला पहनकर पूरे मंत्रोच्चार के साथ स्नान किया और परिक्रमा की।
अरैल क्षेत्र में उनकी सुरक्षा के लिए खास अलर्ट जारी किया गया है। पीएम के आगमन को लेकर पांच सेक्टर मजिस्ट्रटों की तैनाती की गई है।
संगम तट पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान मंदिर अक्षय वट दर्शन किए बिना ही लौटे।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम वाले क्षेत्रों को एनएसजी ने कब्जे में ले लिया है। मजिस्ट्रेट एवं भारी संख्या में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है।
पीएमओ ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने तीर्थ स्थलों पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार सक्रिय कदम उठाए हैं।
मेला क्षेत्र में उनके कार्यक्रम की अवधि के दौरान चुनिंदा मार्गों पर ही कुछ देर के लिए प्रवेश प्रतिबंधित किया गया। अन्य किसी तरह का यातायात डायवर्जन कहीं भी लागू नहीं है।
डॉग स्क्वाड व एंटी सेबोटाज टीमों ने सभी प्रमुख स्थलों पर पहुंचकर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। एटीएस व एनएसजी के साथ सुरक्षा में लगीं अन्य टीमें भी अलर्ट पर हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने संगम में डुबकी लगाने के बाद पूजा अर्चना की।
पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके कार्यक्रम के दौरान आम श्रद्धालुओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसका पूरा ख्याल रखा।