डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का आपस में क्या संबंध है? और जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए क्या करना चाहिए? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

डायबिटीज एक गंभीर और क्रॉनिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसका सभी उम्र के लोगों में खतरा देखा जाता रहा है। बढ़े हुए ब्लड शुगर की स्थिति आंखों, तंत्रिकाओं, हृदय और किडनी को प्रभावित करने वाली हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ  कहते हैं, डायबिटीज पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए या फिर इसका समय पर इलाज न हो पाए तो इसके जोखिम जानलेवा भी हो सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज के शिकार लोगों में हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा अधिक होता है? हाई ब्लड प्रेशर आपको हार्ट का मरीज बना देता है।

पर ऐसा क्यों है? डायबिटीज और ब्लड प्रेशर का आपस में क्या संबंध है? और जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या से बचने के लिए क्या करना चाहिए? आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का क्या संबंध है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर, ये दोनों बीमारियां दुनियाभर में करोड़ों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। आम तौर पर ये दोनों स्थितियां अलग लग सकती हैं, लेकिन कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है किइनके बीच गहरा संबंध है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर एक साथ होना कई गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकती है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, टाइप-2 डायबिटीज वाले मरीजों में आमतौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस की दिक्कत देखी जाती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस वह स्थिति है जिसमें आपका शरीर इंसुलिन हार्मोन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करता है। ये हार्मोन रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस होने के कारण ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा हुआ रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि इंसुलिन रेजिस्टेंस के कारण शरीर में ग्लूकोज के साथ-साथ सोडियम और पानी का भी रिटेंशन बढ़ जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर होने का खतरा हो सकता है।

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषक अरुण बताते हैं, हाई ब्लड शुगर की स्थिति धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगती है, जिससे ये संकरी और कठोर हो जाती हैं। इसी प्रकार हाई ब्लड प्रेशर भी धमनियों पर दबाव डालता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों में प्लाक जमना) की प्रक्रिया तेज होती है।

ऐसे में डायबिटीज के साथ अगर किसी को ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाए तो इसके कारण हृदय रोगों का जोखिम काफी बढ़ सकता है। यही कारण है कि शुगर के मरीजों को नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की भी जांच कराते रहना चाहिए।

किन लोगों को होता है इसका खतरा?

डॉक्टर बताते हैं, डायबिटीज के साथ-साथ यदि किसी को मोटापा की दिक्कत है, जीवनशैली गतिहीन रहती है और आहार संतुलित नहीं रहता है तो इसके कारण ब्लड प्रेशर और हृदय से संबंधित समस्याओं का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसके अलावा अनुवांशिक कारणों से भी आपको डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि डायबिटीज से ग्रसित लगभग दो में से 1 व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है। वहीं जिन लोगों को डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर दोनों समस्याए हैं, उनमें हृदय रोग होने का जोखिम चार गुना तक बढ़ जाता है।

डायबिटीज वाले क्या सावधानियां बरतें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, ये दोनों स्थितियां मिलकर किडनी की छोटी रक्त नलिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती हैं, जिससे किडनी फेलियर तक हो सकता है। वहीं हाई ब्लड प्रेशर रेटिना में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर अंधेपन के खतरे को बढ़ा देता है।

इस तरह की समस्या से बचे रहने के लिए आहार और लाइफस्टाइल को ठीक रखना जरूरी है। इसके लिए आहार में नमक- चीनी की मात्रा कम रखें और फाइबर युक्त चीजों का सेवन अधिक से अधिक करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधि ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों को कंट्रोल रखने में मददगार हो सकती है। जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें नियमित रूप से ब्लड प्रेशर भी चेक करते रहना चाहिए। यदि यह अक्सर हाई या लो रहता है तो इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें। 

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नोट: 
यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

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