तापमान में कमी और ठंडा वातावरण उन लोगों के लिए बहुत समस्याकारक है जिन्हें पहले से सांस की समस्या रही है। ठंडी, शुष्क हवा और अन्य कारक अस्थमा के लक्षणों को बिगाड़ने वाले हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि सर्दियों में अस्थमा से कैसे बच सकते हैं?
सर्दियों का ये मौसम आपकी सेहत के लिए कई प्रकार की चुनौतियां बढ़ाने वाला हो सकता है। तापमान में कमी और ठंडा वातावरण उन लोगों के लिए और भी समस्याकारक है जिन्हें पहले से सांस की समस्या, जैसे अस्थमा या ब्रोंकाइटिस की दिक्कत रही है ठंडी, शुष्क हवा और अन्य कारक अस्थमा के लक्षणों को बिगाड़ने वाले हो सकते हैं इसलिए इस मौसम में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सर्दी का मौसम साल का सबसे मुश्किल समय हो सकता है। ठंडी-शुष्क हवा और मौसम में अचानक बदलाव आपके वायुमार्ग प्रभावित कर सकते हैं, जिसकी प्रतिक्रिया में आपका शरीर अधिक बलगम का उत्पादन करने लगता है। इस स्थिति में आपके लिए सांस लेना कठिन हो जाता है।
अस्थमा के लक्षण ट्रिगर न होने पाएं और आप किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं से बचे रहें इसके लिए जरूरी है कि पहले से ही कुछ सावधानियां बरती जाएं। आइए जानते हैं कि अस्थमा के मरीज किन बातों का ध्यान रख सकते हैं?
सर्दियों में अस्थमा ट्रिगर होने का खतरा
सर्दियों में अस्थमा की समस्या बढ़ने और लक्षणों के ट्रिगर होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं, आपके फेफड़े में स्थित वायुमार्ग में तरल पदार्थों की एक परत होती है जो इसे सुरक्षित रखने में मदद करती है। हालांकि ठंडी हवा के संपर्क में आने पर वायुमार्ग में सूजन और जलन हो जाती है। ठंडी हवा के कारण बलगम की परत मोटी भी हो जाती है जिससे आपको सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे श्वसन संक्रमण होने की समस्या भी बढ़ जाती है।
ठंडी हवा के संपर्क में आने के कारण आपमें सीने में दर्द, खांसी, सांस फूलने, सीने में जकड़न और घरघराहट की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। ये समस्याएं अस्थमा रोगियों की जटिलताएं बढ़ा सकती हैं, इससे बचाव करते रहने बहुत आवश्यक है।