व्हाट्सएप पर मेरे पास एक दिल्ली साइबर पुलिस का लेटर भी भेज गया जिसमें लिखा था कि मेरा नंबर कई सारे स्कैम में शामिल है।

उसमें मेरा ऊपर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स स्मगलिंग और मानव तस्करी में शामिल होने जैसी बातें लिखी हुई थीं।

डिजिटल अरेस्ट स्कैम अब इतना खतरनाक हो चुका है कि कोई भी किसी भी वक्त इसकी चपेट में आ सकता है। हर दिन सरकार और मीडिया लोगों को इसके बारे में आगाह कर रहे हैं लेकिन हर दिन लोग डिजिटल अरेस्ट हो रहे हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि साइबर एक्सपर्ट और आईटी एक्सपर्ट भी इस डिजिटल अरेस्ट स्कैम से बच नहीं पा रहे हैं। आज हम आपको उस नई दिल्ली के एक ऑफिस में काम करने वाले आईटी पर्सन के साथ हुए डिजिटल अरेस्ट स्कैम के बारे में, उसी की जुबानी बताएंगे.

राजेश के साथ कैसे हुई डिजिटल अरेस्ट स्कैम की शुरुआत?

ऑफिस की छुट्टी थी तो मैं नाश्ता करके लेटा हुआ था। थोड़ी झपकी भी आ रही थी, तभी करीब 11 बजे कॉल आई जो कि ट्राई की ओर से IVR कॉल थी।

कॉल पर कहा गया कि आपके नंबर पर कई शिकायतें दर्ज की गई हैं और आपका नंबर अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हुआ है। आपके नाम पर लिए गए सभी सिम कार्ड बंद हो जाएंगे।

इस मामले में ट्राई के अधिकारी से बात करने के लिए 1 दबाएं। इसके बाद मैंने 1 दबाया तो कॉल किसी को ट्रांसफर की गई और एक नंबर दिया गया।

कहा गया कि इस नंबर को दिल्ली साइबर क्राइम के नाम से सेव कर लो। थोड़ी देर में कॉल आएगी और ऑनलाइन स्टेटमेंट ली जाएगी। यह भी कहा गया कि इसके बारे में किसी को बताना नहीं है, नहीं तो तुरंत गिरफ्तारी हो जाएगी।