धनबाद/झारखण्ड : इस्कॉन धनबाद द्वारा श्री रामनवमी महा-महोत्सव का भव्य आयोजन इस बार प्रथम बार जगजीवन नगर के इस्कॉन मेडिटेशन सेंटर में धूम धाम से किया गया।
आरंभ एवं कीर्तन
कार्यक्रम में पूरे धनबाद से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया
अत्यंत मनमोहक मधुर राम धुन एवं वैष्णव भजनों और मंगलाचरण के माध्यम से महोत्सव का आरंभ हुआ।
श्री विग्रहों का महा अभिषेक
कीर्तन के पश्चात श्री श्री सीता राम लक्ष्मण के श्री विग्रहों का अत्यंत भव्य पंचामृत अभिषेक दूध, दही, मधु, घृत, पुष्प-सार, फलों के रस, गंगाजल, पंचगव्य, विभिन्न प्रकार के पुष्प एवं शर्करा से किया गया। तत् पश्चात श्री श्री सीता राम लक्ष्मण का सुंदर श्रृंगार हुआ और आए हुए सभी भक्तों ने श्री विग्रह का पुष्प अभिषेक एवं मनमोहक दर्शन किया।
सारे धनबाद वासी अपने साथ अत्यंत प्रेम से राम लला का आविर्भाव मनाने हेतु अनेक व्यंजन पकाकर लाए थे जिनका भोग श्री श्री सीता राम लक्ष्मण को छप्पन भोग के साथ लगाया गया। श्री विग्रह अत्यंत मनमोहक लग रहे थे। शास्त्र कहते हैं की रामनवमी के इस पावन अवसर पर भगवान रामचन्द्र के अभिषेक का साक्षी अत्यंत भाग्यशाली होता है, उस पर अनेकों कृपाएं बरसती है।
इस्कॉन धनबाद उपाध्यक्ष श्रद्धेय श्री दामोदर गोविंद प्रभुजी द्वारा कथा
इस्कॉन धनबाद के उपाध्यक्ष श्रद्धेय श्री दामोदर गोविंद प्रभुजी ने रामनवमी पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र के अवतरण के भिन्न भिन्न कारणों का वर्णन किया।
रावण वध, कुंभकरण वध, अहेलिया उद्धार, साधुओं और देवताओं की रक्षा, आदि अनेक कारण है, किंतु आने वाले युगों में मर्त्य लोक के वासी अर्थात मनुष्यों के लिए हर पद, स्थान, काल और स्थिति पर एक आदर्श स्थापित करना श्रीमद भागवत के अनुसार श्री रामचंद्र के अवतरण का सबसे मुख्य कारण बताया जाता है।
एक आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श भ्राता, आदर्श पति, आदर्श योद्धा, आदर्श वनवासी, आदर्श राजा, आदर्श, मित्र, आदर्श शत्रु, आदर्श स्वामी, आदर्श पिता, आदि हर परिस्थिति में धर्म का पालन करते हुए किस प्रकार अपना जीवन व्यापन करता है, यह हमें रामायण से सीखने की आवश्यकता है।
सार स्वरूप हमें किसी भी स्थिति में शास्त्र और वरिष्ठ वैश्णवों द्वारा कथित धर्म की अवज्ञा कभी नहीं करनी चाहिए और अपने जीवन के हर निर्णय में भगवान की भक्ति अर्थात भगवान के नाम, रूप, लीला का नियमित रूप से प्रतिदिन श्रवण, कीर्तन, स्मरण आदि को प्राथमिकता देनी चाहिए।
श्रील प्रभुपाद ने श्री चैतन्य महाप्रभु के संकीर्तन क्रांति की फौज में सेनापति भक्त की भूमिका निभाते हुए धरातल पर हजारों इस्कॉन केंद्रों की स्थापना की है जिसके द्वारा कोई भी भगवान राम के दिव्य नाम, भक्त, कथा, प्रसाद के माध्यम से अपार प्रेम और अपार कृपा का लाभ उठा सकता है।
इस्कॉन धनबाद सारे धनबाद वासियों को अतः सारे आयोजनों में ऐसे ही दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ती संख्या में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
महाआरती, पुष्प होली और प्रसाद वितरण
इसके पश्चात भक्तों ने श्री श्री सीता राम लक्ष्मण हनुमान के श्री चरणों में सहस्र पुष्प अर्पित किए। चंद्रोदय होने के पश्चात सभी भक्तों ने महा-आरती में भाग लिया तथा मधुर कीर्तन में झूमे।
अंततः आए हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पेट भर प्रचुर मात्रा में महाप्रसाद का आस्वादन किया।