धनबाद/झारखण्ड : इस्कॉन धनबाद द्वारा गौर पूर्णिमा एवं पुष्प-होली महा-महोत्सव का भव्य आयोजन इस बार पहली बार जगजीवन नगर के इस्कॉन मेडिटेशन सेंटर में धूम धाम से किया गया। इसी अत्यंत पावन दिवस पर श्री श्री गौर निताई चंद्र के श्री विग्रहों को धनबाद वासियों पर कृपा बरसाते हुए तीन वर्ष पूरे हुए।
आरंभ एवं कीर्तन
कार्यक्रम में पूरे धनबाद से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
अत्यंत मनमोहक मधुर हरे कृष्ण संकीर्तन एवं वैष्णव भजन और मंगलाचरण के माध्यम से महोत्सव का आरंभ हुआ।
श्री विग्रहों का महा अभिषेक
कीर्तन के पश्चात श्री श्री गौर निताई चंद्र के श्री विग्रह का अत्यंत भव्य पंचामृत अभिषेक दूध, दही, मधु, घृत, पुष्प-सार, फलों के रस, गंगाजल, पंचगव्य, विभिन्न प्रकार के पुष्प एवं शर्करा से किया गया। तत्पश्चात श्री श्री गौर निताई चंद्र का सुंदर श्रृंगार हुआ और आए हुए सभी भक्तों ने श्री विग्रह का पुष्प अभिषेक एवं मनमोहक दर्शन किया। सारे धनबाद वासी अपने साथ अत्यंत प्रेम से चैतन्य महाप्रभु को भोग लगाने हेतु अनेक व्यंजन पकाकर लाए थे जिनका भोग श्री श्री गौर निताई चंद्र को छप्पन भोग के साथ लगाया गया। श्री विग्रह अत्यंत मनमोहक लग रहे थे।
शास्त्र कहते हैं की गौर पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर गौरंगा महाप्रभु के अभिषेक का साक्षी अत्यंत भाग्यशाली होता है, उस पर अनेकों कृपाएं बरसती है।
इस्कॉन धनबाद अध्यक्ष श्रद्धेय श्री नामप्रेम प्रभु द्वारा कथा
इस्कॉन धनबाद के अध्यक्ष श्रद्धेय श्री नामप्रेम प्रभुजी ने गौर पूर्णिमा पर श्री चैतन्य महाप्रभु की करुणा और महिमा की व्याख्या करते हुए अपने वक्तव्य में बताया कि चैतन्य महाप्रभु अथवा गौरांग महाप्रभु भगवान श्री कृष्ण के सबसे कृपालु कृपणवत्सल अवतार है। जहा बीते हुए युगों में भिन्न भिन्न अवतारों में भगवान ने भिन्न भिन्न अस्त्रों शास्त्रों से आसुरिक शक्तियों का संघार किया, श्री चैतन्य महाप्रभु ने कलियुग के जीवन की दरिद्र स्थिति देखते हुए हरिनाम संकीर्तन के अचूक अस्त्र द्वारा उनके ह्रदय में छुपे अनर्थों का संघर किया। पात्र अपात्र देखे बिना, स्थान अस्थान देखे बिना उन्होंने केवल भारत ही नहिं किंतु समग्र पृथ्वी लोक, देश विदेश में कृष्ण नाम के इस औषधि के प्रचार की योजना बनाई।
श्रील प्रभुपाद ने श्री चैतन्य महाप्रभु के इस संकीर्तन क्रांति की फौज में सेनापति भक्त की भूमिका निभाते हुए धरातल पर हजारों इस्कॉन केंद्रों की स्थापना की जिसके द्वारा कोई भी अपार प्रेम और अपार कृपा का लाभ उठा सकता है। इस्कॉन धनबाद सारे धनबाद वासियों को अतः सारे आयोजनों में ऐसे ही दिन दुगनी रात चौगुनी बढ़ती संख्या में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है।
महाआरती, पुष्प होली और प्रसाद वितरण
इसके पश्चात भक्तों ने श्री चैतन्य महाप्रभु एवं नित्यानंद प्रभु के श्री चरणों में सहसरों पुष्प अर्पित किए और उन्ही से आपस में पुष्प होली खेली गई। चंद्रोदय होने के पश्चात सभी भक्तों ने महा-आरती में भाग लिया तथा मधुर कीर्तन में झूमे।
अंततः आए हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पेट भर प्रचुर मात्रा में महाप्रसाद का आस्वादन किया।