नीलकांति पाटेकर मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर की पत्नी हैं और लंबे समय बाद फिर से अभिनय की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं।

फिल्म ‘छावा’ अगर आपने देख ली है तो आपको ये प्रसंग तुरंत याद आ जाएगा, और नहीं देखी है तो फिल्म देखते समय उस दृश्य पर जरूर ध्यान दें, जिसमें संभाजी अपने बचपन में एक दाई मां का दूध पीकर बड़े होने की बात करते दिखते हैं।

फिल्म में संभाजी को कई जगह अपनी मां और पिताजी को याद करते दिखाया गया है, लेकिन एक दृश्य फिल्म में ऐसा है जहां वह अपनी दाई मां के एहसानों को न सिर्फ याद कर रहे हैं, बल्कि इसके लिए उनका शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं। ये किरदार करने वाली अभिनेत्री हैं, नीलकांति पाटेकर।

संभाजी की धाय मां
नीलकांति पाटेकर मशहूर अभिनेता नाना पाटेकर की पत्नी हैं और लंबे समय बाद फिर से अभिनय की दुनिया में कदम रखने जा रही हैं। वह मराठी पीरियड फिल्म ‘छावा’ में ‘धाराऊ’ का किरदार निभा रही है और इसमें विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना के साथ स्क्रीन साझा कर रही हैं। नीलकांति को वापस बड़े परदे पर लाने के लिए फिल्म ‘छावा’ के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने खासी मेहनत की है।

लक्ष्मण उतेकर ने कराई वापसी
फिल्म ‘छावा’ के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर की हिंदी सिनेमा में शुरुआत सिनेमैटोग्राफर के रूप में हुई और फिर उन्होंने मराठी सिनेमा से निर्देशन में कदम रखा। ‘टपाल’ और ‘लालबागची रानी’ जैसी मराठी फिल्मों का निर्देशन करने के बाद लक्ष्मण ने फिल्म ‘लुकाछिपी’ से हिंदी फिल्मों का निर्देशन किया।

‘छावा’ उनकी बतौर निर्देशक छठी फिल्म हैं। हिंदी फिल्मों की गिनती करें तो ये उनके निर्देशन में बनी चौथी हिंदी फिल्म है। निर्देशक रोहित शेट्टी की तरह लक्ष्मण भी मराठी सिनेमा के उत्कृष्ट कलाकारों को अपनी हिंदी फिल्म में मौका देते रहे हैं।

नौ साल बाद बड़े परदे पर वापसी
जहां तक नीलकांति पाटेकर की बात है तो वह मराठी थिएटर और सिनेमा की जानी-मानी अभिनेत्री हैं, करीब नौ साल बाद फिर से फिल्मों में वापसी कर रही हैं. उनकी आखिरी फिल्म ‘बर्नी’ 2016 में आई थी, जिसमें उन्होंने मुख्य किरदार की मां का रोल निभाया था. अब 14 फरवरी 2025 को रिलीज होने वाली पीरियड फिल्म ‘छावा’ में वह संभाजी की दाई मां धाराऊ के किरदार में नजर आई हैं।

बैंकर से बनीं अभिनेत्री
जानकारी के मुताबिक नीलकांति पाटेकर का जन्म पुणे, महाराष्ट्र में हुआ। उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक किया और अपने करियर की शुरुआत एक बैंकर के रूप में की। अभिनय का आकर्षण उन्हें मराठी रंगमंच तक लाया और साल 1986 में वह टीवी सीरीज ‘वधाय वधाय मान’ से कैमरे के सामने आ गईं।

तीन साल बाद ही मराठी फिल्म ‘आत्मविश्वास’ में उन्हें महाराष्ट्र सरकार का सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार मिला। नाना पाटेकर को वह अभिनय क्षेत्र में आने से पहले से जानती हैं। दोनों का विवाह 1978 में हुआ और अक्सर निजी बातचीत में नाना ने अपनी सफलता का श्रेय नीलकांति को दिया है। दोनों अलग अलग रहते हैं और कानूनी रूप से आज भी शादीशुदा हैं।




Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *