ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद रणजी ट्रॉफी का दूसरा दौर शुरू होने वाला है, विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट भी चल रहा है। घरेलू सत्र फरवरी तक चलेगा। कोच गौतम गंभीर समेत दिग्गज सुनील गावस्कर पहले ही कह चुके हैं कि सभी क्रिकेटरों को घरेलू टूर्नामेंटों में खेलना चाहिए।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने आसानी से आत्मसमर्पण करने वाली भारतीय बल्लेबाजी सवालों के घेरे में है।

ऑस्ट्रेलिया के हाथों 1-3 से हार के बाद फरवरी तक चलने वाले घरेलू सत्र के बाद अजित अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति बड़े फैसले ले सकती है। यह भी तय माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया में विफल रहे स्टार बल्लेबाज विराट कोहली, रोहित शर्मा समेत अन्य क्रिकेटरों को घरेलू क्रिकेट में अपनी उपयोगिता साबित करते हुए फिर से चयन का दावा ठोकना होगा।

हालांकि भारतीय टीम के बदलाव के कठिन दौर में बल्लेबाजी से ज्यादा गेंदबाजी के विकल्प ज्यादा परेशान करने वाले हैं। रोहित और विराट के खराब प्रदर्शन के बाद इन दोनों क्रिकेटरों का भविष्य अधर में है, लेकिन चयन समिति के पास यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं कि अगर दोनों दिग्गज बाहर भी हो जाते हैं तो बल्लेबाजी क्रम पहले जैसा मजबूत बना रहे। हालांकि गेंदबाजी में यह बात उतनी मजबूती से नहीं कही जा सकती है।

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