भारत में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने गूगल पर प्ले स्टोर की नीतियों को लेकर अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, इसे घटाकर अब 216.69 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

गूगल को अपने प्ले स्टोर पॉलिसी मामले में एक और झटका लगा है। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने अपने पिछले महीने के फैसले से गूगल की गोपनीय आय संबंधी जानकारी वाले अंश हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश उस दस्तावेज से जुड़ा है जो गूगल ने 6 अक्टूबर 2022 को ट्राइब्यूनल को सौंपा था और जिसमें कंपनी की राजस्व जानकारी शामिल थी।

इससे पहले 28 मार्च को, NCLAT ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें कहा गया था कि गूगल की प्ले स्टोर बिलिंग नीति डेवलपर्स के लिए अनुचित और प्रतिबंधात्मक है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने जुर्माने की राशि को घटाकर 936.44 करोड़ रुपये से कम करते हुए 216.69 करोड़ रुपये कर दिया था।

गोपनीय जानकारी को लेकर गूगल की आपत्ति
गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने ट्रिब्यूनल से अनुरोध किया था कि फैसले के पैराग्राफ 97 से 100 तक के हिस्से को हटाया जाए क्योंकि उनमें गोपनीय दस्तावेज से जानकारी ली गई है। इस पत्र को CCI ने भी गोपनीय माना था, लेकिन ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में इसका जिक्र कर दिया था।

गूगल की इस अपील को मानते हुए, NCLAT के चेयरपर्सन जस्टिस अशोक भूषण और सदस्य बरुण मित्रा की पीठ ने कहा, “हम इस अनुरोध में ठोस आधार पाते हैं। इसलिए, आदेश की वेबसाइट और प्रमाणित प्रतियों से पैराग्राफ 97 से 100 तक को हटाने का निर्देश दिया जाता है।”

अब इस फैसले की संशोधित (रेडैक्टेड) प्रति ही सार्वजनिक की जाएगी और वही वेबसाइट पर अपलोड होगी।

जुर्माने की देनी होगी पूरी राशि
हालांकि NCLAT ने गूगल को कुछ राहत दी है और कुल जुर्माना घटाकर 216.69 करोड़ रुपये कर दिया है, लेकिन बाकी राशि अब 30 दिनों के अंदर जमा करनी होगी। गूगल ने पहले ही जुर्माने का 10% हिस्सा जमा कर दिया था।

गौरतलब है कि 25 अक्टूबर 2022 को CCI ने गूगल पर प्ले स्टोर की नीतियों को लेकर अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करने के आरोप में 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।

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