कतरास/झारखण्ड : बाघमारा प्रखंड में स्थित एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय कतरास कॉलेज में सरकारी बस रहने के बावजूद कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से बस कॉलेज परिसर में ही पड़ी रहती थी. बताया जाता है कि बस चालू कराने को लेकर परिषद के कार्यकर्ताओं ने कई बार प्राचार्य को आवेदन दिया, घेराबंदी भी की.
उसके बावजूद भी तरह तरह के दलीलें देकर बस को नही चलने दिया गया. इस बीच बस के ड्राइवर और खलासी को वेतन भुगतान किया जाता रहा. इसी से क्षुब्ध होकर अंततः परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को प्राचार्य का घेराव कर बस चलाने की मांग की. काफी जद्दोजहद के बाद शाम को बस को चलाया गया.
बता दे कि एबीवीपी ने चेतावनी दी थी कि यदि जल्द ही रूट चार्ट जारी करके बस को नहीं चलाया गया तो विद्यार्थी परिषद रणनीति बनाकर आंदोलन करने को बाध्य होगा. प्राचार्य बीरेंद्र कुमार ने मामले की गंभीरता को बिना समझे और अपना मनमाना रवैया अपनाते हुए कोई भी कारवाही करना उचित नही समझा.
प्राचार्य के इस रवैया से विवश होकर विद्यार्थी परिषद के सैकड़ों कार्यकर्ता ने उनका घेराव करते हुए कहा कि यदि प्राचार्य छात्रहित में निर्णय लेने में असमर्थ है तो तत्काल इस्तीफा दें. एबीवीपी ने प्राचार्य पर आरोप लगाया कि वे महाविद्यालय में डिक्टेटरशिप लाने का प्रयास कर रहे हैं.
लगभग चार घंटे की मशक्कत के बाद एबीवीपी कार्यकर्ताओं और प्राचार्य के बीच बस चलाने को लेकर सहमति बनी. प्राचार्य ने कहा कि चौबीस घंटे के भीतर बस का रुट-चार्ट व समय-सारणी जारी की जाएगी.
मौके पर प्रांत विश्वविद्यालय सहसंयोजक शिवम रवानी, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अक्षय गुप्ता, अभाविप कार्यकर्ता स्वयं स्वर्ण, मीडिया प्रभारी गोपाल केवट, एसएफएस प्रमुख रोहित राज दे, जीवविज्ञान विभाग संयोजक सिंटू मुखर्जी, कार्यकारिणी सदस्य अनिकेत गुप्ता, विक्रम बजरंगी, शुभम पॉल, वरुण चावला, प्रियांशु चौरसिया, शुभम हजारी, आलोक सिन्हा व सैकडों कार्यकर्ता उपस्थित थे।