पिछले एक दशक में लिवर की गंभीर बीमारियों के मामले कम उम्र के लोगों में भी बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर या शुगर बढ़े रहने की समस्या रहती है, उनमें भी लिवर की बीमारियों का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ये फैट को ब्रेक डाउन करने में मदद करता है, साथ ही रक्त से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को स्वस्थ रखने में भी लिवर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सोचिए अगर ये अंग ठीक से काम करना बंद कर दे तो कितनी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?
आश्चर्यजनक रूप से पिछले एक दशक में लिवर की गंभीर बीमारियों के मामले कम उम्र के लोगों में भी बढ़ते जा रहे हैं। फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस यहां तक कि 30 से कम आयु के लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
लिवर की बढ़ती बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है।
लिवर की बढ़ती बीमारियों का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लिवर की बढ़ती बीमारियों के लिए कोई एक कारण नहीं हैं। हमारी दिनचर्या और आहार में गड़बड़ी ने समय के साथ इस अंग को गंभीर क्षति पहुंचाई है। इसके अलावा डॉक्टर कहते हैं, जिन लोगों को अक्सर हाई ब्लड प्रेशर या शुगर बढ़े रहने की समस्या रहती है, उनमें भी लिवर की बीमारियों का खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
ब्लड प्रेशर और हाई शुगर किस तरह से लिवर के लिए दिक्कतें बढ़ा रहे हैं? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर का लिवर पर असर
अमर उजाला से बातचीत में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ भार्गव शेखर बताते हैं, लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी के अलावा हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) और ब्लड शुगर (डायबिटीज) दोनों लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अध्ययनों में नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) और हाई ब्लड प्रेशर के बीच गहरा संबंध पाया गया है। शरीर में लगातार ब्लड प्रेशर बढ़े रहने के कारण लिवर में रक्त की सप्लाई प्रभावित हो जाती है। अगर ये समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो इससे लिवर की कोशिकाओं को क्षति पहुंचने लगती है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ हाइपरटेंशन की साल 2016 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर था, उनमें एनएएफएलडी होने की आशंका दो गुना अधिक पाई गई।
शुगर बढ़ा रहना भी ठीक नहीं
हाई ब्लड प्रेशर की ही तरह से हाई शुगर की स्थिति भी लिवर की सेहत के लिए ठीक नहीं है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं मधुमेह के शिकार लोगों में भी नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में, आपके लिवर में सामान्य से अधिक मात्रा में फैट जमा हो जाती है।
इसके अलावा टाइप-2 डायबिटीज की स्थिति में शरीर इंसुलिन के प्रति रेसिस्टेंट हो जाता है। इसका असर लिवर की मेटाबॉलिक प्रोसेसिंग पर भी होता है। इससे संबंधित डायबिटीज केयर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार डायबिटीज के मरीजों में एनएएफएलडी का खतरा बिना डायबिटीज वाली की तुलना में अधिक था।