स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) के त्वचा रोग विभाग में झड़ते बालों का सफल इलाज प्लेटलेट रिच प्लाज्मा रैपिंग (पीआरपी इंजेक्शन) विधि से किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक के अनुसार, यह विधि काफी कारगर सिद्ध हुई है।

स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) के त्वचा रोग विभाग में झड़ते बालों का सफल इलाज प्लेटलेट रिच प्लाज्मा रैपिंग (पीआरपी इंजेक्शन) विधि से किया जा रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सक के अनुसार, यह विधि काफी कारगर सिद्ध हुई है। एसआरएन अस्पताल में यह इलाज निशुल्क किया जा रहा है, जबकि निजी चिकित्सालयों में इसके लिए मरीजों को हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

एमएलएन मेडिकल कॉलेज में त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डाॅ. अमित शेखर का कहना है कि बाल झड़ने की समस्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। वैसे तो बाल झड़ने के कई कारण होते हैं, लेकिन खासताैर पर युवाओं में मानसिक तनाव के कारण इस तरह की समस्या देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि अगर बाल झड़ने का इलाज समय रहते शुरू कर दिया जाए तो बिना हेयर ट्रांसप्लांट के इसका उपचार किया जा सकता है। लोगों को चाहिए कि वह बिना चिकित्सक को दिखाए अपने बालों में तमाम तरह के प्रयाेग न करें। उन्होंने बताया कि झड़ते बालों को बचाने और वापस लाने में पीआरपी विधि कारगर साबित हुई है।

केस नंबर 1-

लखनऊ निवासी 26 वर्षीय युवक के सिर के बाल करीब 60 फीसदी से ज्यादा झड़ चुके थे। करीब आठ महीने पहले युवक एसआरएन अस्पताल के त्वचा रोग विभाग में दिखाने पहुंचा, जहां पर चिकित्सकों ने पीआरपी विधि से युवक का इलाज शुरू किया। इस दौरान हर महीने युवक के 16 एमएल ब्लड से प्लाज्मा लेकर पीआरपी विधि का इस्तेमाल किया गया, जिसके चलते चौथी सेटिंग में युवक के करीब 50 फीसदी बाल वापस आ गए।

केस नंबर 2-

जौनपुर निवासी 30 वर्षीय महिला के बाल झड़ रहे थे। महिला ने स्थानीय चिकित्सक से अपना इलाज शुरू कराया। करीब दो महीने चले इलाज के बाद महिला के बाल और तेजी से झड़ गए। इसके बाद महिला एसआरएन अस्पताल इलाज कराने पहुंची, जहां पर महिला का बायोप्सी कराया गया, जिसमें स्कारिंग एलोपेसिया नामक बीमारी पाई गई। इसके बाद महिला की आठ महीने तक दवाइयों से इलाज किया गया। अब महिला के बाल 65 फीसदी तक वापस आ गए हैं।

केस नंबर 3-

सोहबतियाबाग निवासी 25 वर्षीय युवक के सिर पर जगह-जगह चकत्ते पड़ गए थे। इसकी वजह से बाल तेजी से झड़ने लगे। करीब छह महीने पहले युवक अपना इलाज कराने एसआरएन अस्पताल पहुंचा, जहां जांच के बाद युवक में एलोपेशिया एरेटा बीमारी की पुष्टि हुई। चार महीने इलाज के बाद युवक की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है।

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