भारतीय शेयर बाजार के लिए यह हफ्ता काफी अहम रहने वाला है। तिमाही नतीजे, अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक, विदेशी निवेशकों के रुझान और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों से बाजार की चाल तय होगी। इस हफ्ते इंडियन होटल्स, एमएंडएम, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोल इंडिया, डाबर, टाइटन और डॉ रेड्डीज जैसी कंपनियों के नतीजे जारी होंगे।
7 मई को अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की बैठक होनी है। अगर ब्याज दरों को लेकर इस बैठक में कोई फैसला लिया जाता है तो इसका सीधा असर शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है।
इस हफ्ते बाजार में वैश्विक कारणों का अधिक असर देखने को मिल सकता है। इसका निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर होगा। शेयर बाजार में तेजी की वजह भारत-अमेरिका के बाच व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक अपडेट आना है।
माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील करने वाला भारत पहला देश हो सकता है। अमेरिका-चीन के बीच तनाव कम होने से बाजार पर सकारात्मक असर हुआ है। यह लगातार तीसरा हफ्ता था, जब शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ है। निफ्टी लगातार 24,000 के ऊपर बना हुआ है।
शीर्ष-7 कंपनियों की पूंजी 2.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
नई दिल्ली। शेयर बाजार में सूचीबद्ध शीर्ष-7 कंपनियों की पूंजी पिछले सप्ताह 2.31 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगे रही। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,289.46 अंक या 1.62 प्रतिशत उछलकर बंद हुआ था। शीर्ष-10 में से बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की पूंजी में गिरावट आई।
आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 1.65 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 19.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। एयरटेल का मूल्यांकन 20,755 करोड़ बढ़कर 10.56 लाख करोड़, आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन 19,381 करोड़ बढ़कर 10.20 लाख करोड़ रुपये हो गया। एचडीएफसी बैंक की पूंजी 11,515 करोड़ बढ़कर 14.73 लाख करोड़ और इन्फोसिस सी 10,902 करोड़ बढ़कर 6.26 लाख करोड़ रही।