न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि चंपक हमेशा से एक मौजूदा ब्रांड नाम रहा है और बीसीसीआई को चार सप्ताह के भीतर याचिका के जवाब में अपना लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएल में एआई रोबोट डॉग का नाम ‘चंपक’ रखने पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने बच्चों की प्रसिद्ध पत्रिका चंपक की अर्जी पर सुनवाई करते हुए बीसीसीआई से जवाब मांगा है। चंपक पत्रिका ने एआई रोबोट डॉग का नाम चंपक रखने पर आपत्ति जताई है और इसे कथित तौर पर ट्रेडमार्क नियम का उल्लंघन बताया है।
चार सप्ताह के भीतर मांगा जवाब
न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि चंपक हमेशा से एक मौजूदा ब्रांड नाम रहा है और बीसीसीआई को चार सप्ताह के भीतर याचिका के जवाब में अपना लिखित जवाब दाखिल करने को कहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई नौ जुलाई को तय की है। यह याचिका दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई है जो 1968 से चंपक पत्रिका का प्रकाशन कर रही है।
बीसीसीआई के वकील ने जताया विरोध
प्रकाशक की ओर से पेश अधिवक्ता अमित गुप्ता ने कहा कि रोबोट डॉग का नाम ‘चंपक’ रखना उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन है और साथ ही इसका व्यावसायिक दोहन भी है, क्योंकि चंपक एक जाना-माना ब्रांड है। हालांकि, बीसीसीआई की ओर से पेश हुए सीनियर वकील जे साई दीपक ने इस याचिका का विरोध किया। उनका कहना था कि चंपक एक फूल का नाम है और लोग रोबोट डॉग को पत्रिका से नहीं, बल्कि टीवी सीरीज के एक पात्र से जोड़ रहे हैं।
सुनवाई के दौरान जज ने मौखिक रूप से कहा कि क्रिकेटर विराट कोहली का निकनेम ‘चीकू’ है, जो चंपक मैगजीन के किरदारों में से एक है। उन्होंने पूछा कि प्रकाशक ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि किस तरह यह ट्रेडमार्क का उल्लंघन है, इस पर प्रकाशक की ओर से पेश वकील ने कहा कि आईपीएल एक वाणिज्यिक संस्था है और यह विज्ञापन, मार्केटिंग और कमाई पर आधारित है।