उत्तर भारत के अधिकतर राज्य इन दिनों ठंड और शीतलहर का प्रकोप झेल रहे हैं। कम होता तापमान हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है। विशेषतौर पर जिन लोगों को पहले से हार्ट की दिक्कत रही है, सर्दियों का ये समय उनकी स्वास्थ्य जटिलताओं को और भी बढ़ाने वाला हो सकता है।

उत्तर भारत के अधिकतर राज्य इन दिनों ठंड और शीतलहर का प्रकोप झेल रहे हैं। कम होता तापमान हमारी सेहत के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकता है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस मौसम में अपनी सेहत को लेकर सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं।

ये मौसम सांस और हृदय रोग के शिकार लोगों के लिए स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ाने वाला हो सकता है। विशेषतौर पर जिन लोगों को पहले से हार्ट की दिक्कत रही है, सर्दियों का ये समय उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

डॉक्टर कहते हैं, सर्दियों में जैसे-जैसे पारा गिरता जाता है, इस तरह का वातावरण आपके लिए समस्याएं बढ़ाने वाला हो सकता है। ठंड के कारण आपके शरीर को गर्म रहने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

ऐसा करने के लिए, यह रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और आपकी हृदय गति को बढ़ाता है। इस तरह की स्थिति हृदय स्वास्थ्य के लिए समस्याकारक हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को पहले से ही हार्ट से संबंधित समस्याएं रही हैं उनके लिए दिक्कतें बढ़ जाती हैं।

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