अस्थमा फेफड़ों में होने वाली गंभीर बीमारी है, जो किसी भी उम्र के लोगों हो सकती है। आज विश्व अस्थमा दिवस के अवसर पर आइए जानते हैं कि अस्थमा के मरीजों को क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए?

Asthma Diet: हर साल 6 मई को विश्व अस्थमा दिवस (World Asthma Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य दुनियाभर में अस्थमा रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसके बेहतर प्रबंधन के तरीकों के बारे में लोगों को शिक्षित करना है। अस्थमा फेफड़ों से संबंधित बीमारी है जिसमें व्यक्ति के वायुमार्गों में सूजन आ जाती है और वे सिकुड़ जाते हैं, जिससे सांस लेने में मुश्किल होती है। अस्थमा के मरीजों को अक्सर धूल, पराग कण, प्रदूषण, ठंडा मौसम और तनाव में सांस लेने में समस्या होती है और अस्थमा ट्रिगर हो जाता है।

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें एक स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सही खान-पान न केवल अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है, बल्कि सांस लेने से जुड़ी स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकता है। कुछ खाद्य पदार्थों में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जबकि कुछ अन्य खाद्य पदार्थ स्थिति को बिगाड़ सकते हैं। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं कि अस्थमा के मरीजों को किन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।

कुछ खाद्य पदार्थों को उनके पोषक तत्वों और सूजन-रोधी गुणों के कारण अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है-

नट और बीज
बादाम, अखरोट, अलसी के बीज और चिया बीज जैसे नट्स और बीजों में विटामिन ई, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। विटामिन ई फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर बनाने मदद करता है, जबकि मैग्नीशियम वायु मार्गों की मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है।

फलियां
दाल, राजमा और अन्य फलियां प्रोटीन और फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए हेल्दी वेट बनाए रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोटापा अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है। फलियां आपको पेट भरा रखने और स्वस्थ वेट मैनेजमेंट करने में मदद कर सकती हैं।

फल और सब्जियां
रंगीन फल और सब्जियां विटामिन C, बीटा-कैरोटीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं। विटामिन C एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। गाजर, पालक, ब्रोकोली, शिमला मिर्च, जामुन और खट्टे फल अस्थमा के मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माने जाते हैं।

ग्रीन टी
ग्रीन टी में कैटेचिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिनमें सूजन-रोधी गुण पाए जाते हैं। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन टी में मौजूद कुछ कंपाउंड वायुमार्गों की मांसपेशियों को थोड़ा आराम देने में मदद कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में आसानी हो सकती है।

अस्थमा के मरीजों को किन चीजों से परहेज करना चाहिए?
कुछ खाद्य पदार्थ अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं या सूजन को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए या इनसे बचना चाहिए-

तले हुए खाद्य पदार्थ
तले हुए या फैटी फूड प्रोडक्ट्स शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं। इन प्रोडक्ट्स को पचाने में भी समय लगता है और कई बार तो ये एसिडिटी या सीने में जलन का कारण बन सकते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से अस्थमा के लक्षणों को प्रभावित कर सकता है।

मीठे खाद्य पदार्थ और पेय
अतिरिक्त चीनी का सेवन शरीर में सूजन को बढ़ा सकता है। मीठे पेय पदार्थ, विशेष रूप से कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कुछ लोगों में अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड भी अस्थमा के मरीजों के लिए हानिकारक होता है। इस लिए इसे खाने से बचना चाहिए।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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