मौसम के पूर्वानुमान पर सरकार, किसान के साथ साथ शेयर बाजार की भी नजरें होती हैं। हमारे देश की करीब आधे से ज्यादा खेती और किसानी पर निर्भर है। अच्छी बारिश से कृषि का उत्पादन बढ़ता है। इससे ग्रामीण आय बढ़ने के साथ ग्रामीण खपत में भी तेजी देखी जाती हैं। ऐसे में कई सेक्टर पर इसका सीधा प्रभाव देखने को मिलता है।
भारतीय मौसम विभाग ने 2025 के मानसून को लेकर अपना अपना अनुमान जारी कर दिया है। विभाग ने इस वर्ष सामान्य से 105 प्रतिशत बारिश हो सकती हैं। वहीं अल नीनो की स्थिति भी न्यूट्रल रहने की उम्मीद है। ऐसे में यह खबर न केवल किसानों के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि शेयर बाजार के लिए भी अहम संकेत देती है।
दरअसल, मौसम के पूर्वानुमान पर सरकार, किसान के साथ साथ शेयर बाजार की भी नजरें होती हैं। हमारे देश की करीब आधे से ज्यादा खेती और किसानी पर निर्भर है। अच्छी बारिश से कृषि का उत्पादन बढ़ता है। इससे ग्रामीण आय बढ़ने के साथ ग्रामीण खपत में भी तेजी देखी जाती हैं। ऐसे में कई सेक्टर पर इसका सीधा प्रभाव देखने को मिलता है। आर्थिक जानकारों का कहना है कि, इस समय निवेशकों को घरेलू अर्थव्यवस्था से जुड़े पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है। टैक्स में कमी, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान और दरों में कटौती का सीधा फायदा बैंक, एफएमसीजी, रियल एस्टेट, पर्यटन और ट्रैवल से जुड़े सेक्टर के साथ कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर पर पॉजिटिव असर दिखाई देगा।
अच्छी बारिश फसलों की स्थिति सुधरती हैं और किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है। इससे किसानों की भी आय में बढ़ोतरी होती है। इससे बीज, खाद्य-कीटनाशक तैयार करने वाली कंपनियों को अच्छा मुनाफा होता है। इसमें ट्रैक्टर सेगमेंट के अलावा फर्टिलाइजर तैयार करने वाली कंपनियों के शेयर मानसून सीजन में बड़े अहम हो जाते है। आमतौर पर यह भी देखा गया है कि, अच्छी बारिश और अच्छी फसल से किसानों के लोन डिफॉल्ट्स कम होते है। इससे बैंकों के एनपीए में कमी आती है और एसेट क्वालिटी में सुधार आता हैं। इससे सरकारी बैंक के अलावा प्राइवेट बैंक और लोन देने वाली एजेंसियों के स्टॉक्स पर फोकस बढ़ जाता है।
मानसून सीजन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया, ट्रैक्टर और एंट्री-लेवल कारों की बिक्री बढ़ती है। इससे इन्हें बनाने वाली कंपनियां या इससे जुड़ी कंपनियों के शेयर पर सीधा असर देखने को मिलता है। ग्रामीण आय के बढ़ने से खतप में तेजी देखने को मिलती हैं। ऐसे में एफएमसीजी सेक्टर भी अहम हो जाता है। रोज प्रयोग होने वाले उत्पादों की मांग पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। इसका असर कंपनियों के तिमाही नतीजों पर पड़ता है। अच्छे मानसून का रिटेल सेक्टर भी प्रभाव दिखाई देता है।अच्छे मानसून से अधिक डिस्पोजेबल इनकम आती है, इससे आउटलेट फुटफॉल और ई-कॉमर्स स्पेंडिंग बढ़ती है।