हाल ही में अरशद वारसी, मेहर विज, कियारा खन्ना की फिल्म ‘बंदा सिंह चौधरी’ सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी हैं. ऐसे में अगर आप भी इस फिल्म को देखने का प्लान बना रहे हैं तो उससे पहले फिल्म का रिव्यू जहां पढ़ लें. फिल्म कैसी है, क्या इसको देखना चाहिए या नहीं? 

इतिहास के पन्नों में पंजाब के आतंकवाद की तमाम कहानियाँ बिखरी पड़ी हैं, लेकिन पहले ऑपरेशन ब्लू स्टार और फिर 1984 के सिख दंगे क्या हुए लोग उस आतंक की बात ही करने से डरने लगे.

फ़िल्में बनीं भी तो ‘माचिस’ जैसी, जिसमें खालिस्तानी आतंकियों को सुहानभूति की नज़र से दिखाया गया, यहाँ तक कि सारा देश ‘चप्पा चप्पा चरखा चले’ पर गुनगुनाने  लगा.

ऐसे में उन्हें खुलकर गुंडा बोलना और उनके ख़िलाफ़  बंदा सिंह चौधरी जैसी फ़िल्म बनाना हिम्मत का काम तो है, लेकिन आज के दौर में जहां बाहुबली, केजीएफ और आरआरआर जैसी फ़िल्में बन रही हों वहाँ इस मूवी का कैनवास शर्तिया छोटा पड़ जाएगा.