वित्त मंत्री निर्माला सीतारामण अपने कार्यकाल का आठवां बजट पेश कर रही हैं। इस बजट से आम आदमी से लेकर शेयर बाजार को भी काफी उम्मीदें है।

केंद्रीय बजट प्रस्तुति से पहले शनिवार को शुरुआती कारोबार में बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी रही। शुरुआती कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 136.44 अंक चढ़कर 77,637.01 अंक पर पहुंच गया। वहीं एनएसई निफ्टी 20.2 अंक चढ़कर 23,528.60 अंक पर पहुंच गया।

30 शेयरों वाले ब्लू-चिप पैक में आईटीसी होटल्स, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट और एनटीपीसी सर्वाधिक लाभ में रहे। टाइटन, कोटक महिन्द्रा बैंक, नेस्ले, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक और आईसीआईसीआई बैंक पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे।

जानिए बजट के एलान लंबी अवधि में कैसे तय करेंगे बाजार की दिशा?

बाजट में हुए एलानों का असर बाजार पर पड़ता रहेगा। बजट से एक बड़ी उम्मीद यह है कि मध्यम वर्ग को राहत देने और उपभोग को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती की जाएगी, जिससे विकास की गति सुधरेगी। कर राहत पर वित्त मंत्री क्या फैसला लेंगी, यह थोड़ी देर में पता चल जाएगा।

हालांकि, जानकार आशंका जता रहे हैं कि किसी बड़ी राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा, “बाजार विकास को बढ़ावा देने वाले उपायों की तलाश करेगा, न कि पूंजीगत लाभ कर में बदलाव जैसे राहतों की।” उन्होंने कहा कि बजट पर बाजार की प्रतिक्रिया कुछ दिनों से अधिक नहीं रहेगी। विकास और आय में सुधार के रुझान मध्यम से लंबी अवधि में बाजार की दिशा तय करेंगे।

आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के क्या मायने हैं?

सरकार के बजट-पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, आगामी वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है, जो विकसित देश बनने के लिए आवश्यक वृद्धि दर से काफी कम है। वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए भूमि और श्रम जैसे क्षेत्रों में विनियमन हटाने और अन्य सुधार की जरूरत है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए अर्थव्यवस्था की स्थिति संबंधी दस्तावेज में संकेत दिया गया है कि भारत की विश्व को पछाड़ने वाली वृद्धि धीमी पड़ रही है तथा 2047 तक विकसित भारत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक लगभग 8 प्रतिशत वार्षिक दर प्राप्त करने के लिए और अधिक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। छुट्टियों के कारण शनिवार को एशियाई बाजार बंद रहेंगे। इससे पहले घरेलू शेयर बाजार में सपाट शुरुआत हुई। 

बीते वर्षों में बजट की घोषणाओं का बाजार पर क्या असर पड़ा?

बाजार के जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ सालों से बजट के दिन शेयर बाजार की चाल बदल जाती है। यदि बाजार में गिरावट आती है तो  कुछ समय के भीतर इसमें सुधार भी हो जाता है।

बावजूद इसके पिछले पांच सालों के बजट पर नजर डालें तो दो बार बजट के दिन सेंसेक्स में  उछाल देखने को मिला और तीन बार बजट के दिन सेंसेक्स में भारी गिरावट देखने को मिली।

बजट का असर इस बार बाजार पर कैसा होगा यह कहना मुश्किल है। सप्ताह के पहले दिन बाजार में बिकवाली हावी रही है। वहीं हफ्ते के दूसरे दिन मंगलवार को निफ्टी और बीएसई इंडेक्स में उछाल रहा।

बुधवार 29 फरवरी को एनएसई निफ्टी   205.85  अंक बढ़कर और बीएसई 653.95 अंक बढ़कर बंद हुआ। बजट सप्ताह होने की वजह से बाजार में हलचल बनी हुई है। यदि पिछले पांच साल के बजट पर नजर डालें तो बजट भाषण के बीच बाजार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।

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