युवराज सिंह के पिता योगराज ने बताया कि किस तरह रोहित और कोहली जैसे दिग्गजों खिलाड़ियों के जाने से एक खालीपन आ गया है।
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी योगराज सिंह रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास लेने से खुश नहीं है और उन्होंने इस फैसले की आलोचना की है। पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह के पिता योगराज ने बताया कि किस तरह इन दोनों दिग्गजों खिलाड़ियों के जाने से एक खालीपन आ गया है। मालूम हो कि रोहित और कोहली ने एक सप्ताह के भीतर लाल गेंद के प्रारूप से संन्यास लेने का फैसला कर सभी को चौंका दिया था।
योगराज बोले- रोहित-कोहली में क्रिकेट बचा था
योगराज ने कहा, ‘विराट बड़े खिलाड़ी हैं, इसलिए जाहिर तौर पर नुकसान होगा। जब 2011 में कई खिलाड़ियों को या तो हटा दिया गया, या रिटायर कर दिया गया, या उन्हें रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया, तो टीम बिखर गई और अब तक वापस खड़ी नहीं हो पाई है।’ योगराज का कहना है कि सभी खिलाड़ी के संन्यास लेने का समय आता है, लेकिन कोहली और रोहित में क्रिकेट अभी बचा था।
योगराज ने कहा, ‘विराट और रोहित में अभी भी काफी क्रिकेट बचा था। जब युवराज भी संन्यास ले रहा था तो मैंने उससे कहा था कि यह सही कदम नहीं है। जब कोई चलने में असमर्थ हो तो उसे मैदान से दूर चले जाना चाहिए।’ योगराज ने युवाओं पर अत्यधिक निर्भरता की वर्तमान प्रवृत्ति की आलोचना करने से परहेज नहीं किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अनुभवी खिलाड़ियों की कमी से टीम अस्थिर हो सकती है। उन्होंने कहा, यदि आप युवाओं से भरी टीम बनाते हैं, तो वह हमेशा बिखर जाएगी। शायद विराट को लगता है कि अब उनके पास हासिल करने के लिए कुछ और नहीं बचा है।
‘रोहित टेस्ट करियर आगे बढ़ा सकते थे’
रोहित शर्मा की ओर ध्यान दिलाते हुए योगराज ने कहा कि सही समर्थन के साथ भारतीय कप्तान अपना टेस्ट करियर आगे बढ़ा सकते थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि रोहित शर्मा को रोजाना प्रेरित करने के लिए सिर्फ एक व्यक्ति की जरूरत थी। रोहित और वीरेंद्र सहवाग दो ऐसे लोग हैं जिन्होंने बहुत जल्दी संन्यास ले लिया। जो दिग्गज खिलाड़ी होते हैं उन्हें 50 वर्ष की उम्र तक खेलना चाहिए। मैं उनके संन्यास लेने से दुखी हूं, क्योंकि अब युवाओं को प्रेरित करने वाला कोई नहीं बचा है।