धनबाद /झारखण्ड : धनबाद लोकसभा सीट से पिछले तीन बार से बीजेपी सांसद पशुपतिनाथ सिंह लगातार जीत हासिल कर रहे हैं। 2014 में 2 लाख 93 हजार और 2019 के चुनाव में 4 लाख 86 हजार के वोटों के अंतर से जीतने वाले पीएन सिंह के इस रिकॉर्ड को ढुल्लू महतो क्या तोड़ पाएंगे? यह सवाल सभी के मन में है।

ढुल्लू महतो का जीवन काफी संघर्षमय रहा। इस दौरान उनके ऊपर कई आरोप भी लगे। जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन वो बेहद दृढ़ और निष्ठा के साथ खड़े रहे। जनता के साथ-साथ मजदूर वर्ग उन्हें मसीहा के रूप में जानते है।
ढुल्लू महतो के राजनीति में कदम रखने का विषय काफी दिलचस्प है, क्योंकि उन्हें राजनीति विरासत में नहीं मिली है, बल्कि मजदूरों के अधिकार की लड़ाई की बदौलत आज वो इस मुकाम पर खड़े हैं। ढुल्लू महतो का जन्म 12 मई 1975 में हुआ।

बाघमारा का चिटाही उनका पैतृक गांव है। उनके पिता का नाम पूना महतो, जबकि माता का नाम रुकवा महताइन है। ढुल्लू महतो 12 वीं पास हैं। उनके पिता महेशपुर कोलियरी में मजदूर के रूप में कार्यरत थे। उनकी शादी बोकारो जिले की रहने वाली सावित्री देवी से हुई। भाइयों में ढुल्लू महतो सबसे छोटे हैं।


जिस ढुल्लू महतो को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है वो वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में महज 824 मत के अंतर से विजयी हुए थे। ढुल्लू महतो के प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार जलेश्वर महतो ने कड़ी टक्कर दी थी। जलेश्वर महतो ने ढुल्लू महतो की जीत को न्यायालय में चुनौती देते हुए पुनर्मतगणना कराने की भी मांग की।


ढुल्लू महतो के लिए सबसे संकट की बात यह है कि जिस बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से वो विधायक है, दरअसल यह विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आता है। धनबाद लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जिसमे बोकारो, चन्दनकियारी, धनबाद, सिंदरी, झरिया और निरसा शामिल है। उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें वोट नहीं कर पायेगी। ऐसे में उनकी जीत केवल और केवल पार्टी की छवि और मोदी फैक्टर ही तय हो सकेगी।